Hindu in Pakistan: अल्पसंख्यकों की जिंदगी जितनी पाकिस्तान में नर्क है शायद उतनी कहीं नहीं होगी। यहां पर आए दिन हिंदू परिवारों (Hindu in Pakistan) के साथ उत्पीड़न का मामला आता रहता है। हिंदूओं को जबरन इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया जाता है। हिंदू बेटियों का धर्म परिवर्तन कर जबरन मुस्लिम पुरुषों से निकाह कराया जाता है। आए दिन हिंदू लड़कियों के साथ रेप के मामले सामने आते रहते हैं। विभाजन के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिंदू-सिख थे आज घटकर 2 प्रतिशत बचे हैं। अगर, पाकिस्तान में हिंदू सिखों (Hindu in Pakistan) को ऐसे ही कन्वर्ट किया जाता रहा तो पाकिस्तान के हिंदू सिर्फ किताबों के पन्नों पर ही मिलेंगे। इस्लामिक देश पाकिस्तान अब हिंदू संस्कृति संकट में है। हाल यह है कि, हिंदुओं को मंदिरों में पूजा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
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पाकिस्तान में हिंदुओं को पूजा करने के लिए भी करना पड़ रहा संघर्ष
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधू नदी के किनारे हिंदू समुदाय के लोग सखर द्वीप पर जाने के लिए नौकाओं का इंतजार कर रहे है, जहां लगभग 200 साल पुराना साधू बेला नामक मंदिर स्थित है। साधू बेला मंदिर परिसर नजर आते ही लोग तालियां बजाने लगते हैं और जोर से चिल्लाते हैं, साधू बेला अमर रहे! मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में हर साल दिवाली समेत विभिन्न त्योहारों और कार्यक्रमों के लिए हजारों हिंदू यहां आते हैं। सिंध के अमीर मुस्लिम जमींदारों ने दो सदी पहले हिंदू समुदाय को यह द्वीप उपहार में दिया था, जिसकी आज के पाकिस्तान में कल्पना भी नहीं की जा सकती। वआज के पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू हाशिये पर हैं और उनके उत्पीड़न के मामले आम हैं। पाकिस्तान में लगभग 40 लाख हिंदू रहते हैं, जो कुल आबादी का 1.9 प्रतिशत है। इनमें से 14 लाख हिंदू सिंध में रहते हैं।
हिंदुओं पर कब रुकेगा अत्याचार
पाकिस्तान के हिंदुओं का खुलकर कहना है कि, वह नियमित तौर पर पूजा नहीं कर पाते हैं। पाकिस्तान में अनेक लोग हिंदुओं को भारत का बताते हैं, तो भारत में मुसलमान भेदभाव की शिकायत करते रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और विशेष रूप से सिंध में आज भी पुरानी छाप बरकरार है। यहां मंदिर हैं, हालांकि इनकी संख्या में गिरावट आई है। इसके अलावा यहां हिंदुओं के अपने कारोबारी, शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान हैं, जो 1947 में देश के गठन से पहले स्थापित किए गए थे। ये पाकिस्तान की विरासत का हिस्सा हैं।
एक स्थानीय राजनेता और पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति के महासचिव दीवान चंद चावला ने मंदिर की उत्पत्ति और विशेषताओं के बारे में बात की। उनका कहना है कि, 2023 में इस मंदिर को बने 200 साल पूरे हो जायेंगे। इसे भारतीय शहर जोधपुर के कारीगरों ने बनाया था और यह ताजमहल की स्थापत्य शैली को दर्शाता है। चावला ने कहा कि, पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद हिंदू आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारत चला गया।
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पाकिस्तान में हिंदुओं को बहुत बड़ा योगदना
पाकिस्तान पर लंबे समय से आरोप लगता रहा है कि, वो हिंदुओं के धर्म और आस्था की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। मंदिरों को अपवित्र किए जाने, हिंदुओं के व्यवसायों, घरों और व्यक्तियों पर हमले और अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन आदि के मामले सामने आते रहते हैं। यह बात खुद मुसलमान भी मानते हैं कि, पाकिस्तान में हिंदुओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है लेकिन, इसके बाद भी उनके साथ आज भेजभाव किया जा रहा है। सिंध विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान व समाजिक विज्ञान की व्याख्याता जाहिदा रहमान जट्ट का मानना है कि, देश में बढ़ते उग्रवाद और कट्टरवाद के कारण हिंदुओं के साथ भेदभाव में वृद्धि हुई है। इस असहिष्णुता के कारण पाकिस्तान के सामने हिंदू विरासत से अपने जुड़ाव के कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया है। यह दुखद है क्योंकि उनका (हिंदुओं का) पाकिस्तान में बहुत बड़ा योगदान है। अधिकांश पाकिस्तानियों को हिंदू विरासत के महत्व या हिंदुओं व सिखों द्वारा पाकिस्तानी समाज की बेहतरी के लिए किए गए योगदान के बारे में जानकारी नहीं है।