Indian Army Commander Remarks On Pok: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोगों पर पाकिस्तान की आर्मी आये दिन अत्याचार करती है। यहां के लोग मूलभूत चीजों से वंचित हैं। कब और किसे पाकिस्तान आर्मी, आईएसआई उठा कर ले जाएगी किसी को नहीं पता। अब इसी पीओके पर भारत एक्शन (Indian Army Commander Remarks On Pok) में नजर आ रहा है। भारतीय सेना का कहना है कि, सरकार कहे तो हम पीओको को वापस ले लें। भारतीय सेना के इस बयान के बाद से पाकिस्तानी सेना और मुल्क की सियासत में हलचल पैदा हो गई है। क्योंकि, अभी कुछ दिनों पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बोल चुके हैं कि, कश्मीर में विकास की धारा बह रही है और जल्द ही पीओके और बलूच में भी विकास पहुंचने वाली है। अब पाकिस्तान (Indian Army Commander Remarks On Pok) को डर सताने लगा है कि, कहीं भारत बड़ा प्लान तो नहीं कर रहा है। जिसके बाद पाकिस्तान अपनी उसी गिड़गिड़ाने वाली भूमिका में आ गया है।
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पाकिस्तान सरकार और फौज में हलचल
ले. जनरल द्विवेदी ने कहा था कि अगर भारत सरकार की तरफ से आदेश दिया गया तो फिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भी वापस ले लेगी। जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा था कि अगर पाकिस्तान की सेना ने युद्धविराम समझौते को तोड़ने का प्रयास किया तो फिर उसे करार जवाब दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद से पाक फौज में हलचल पैदा हो गई है। पाकिस्तान को महसूस होने लगा है कि, कहीं भारत अपने इन क्षेत्रों को लेकर एक्शन में न आ जाये। पाकिस्तान भारतीय सेना के इस बयान की निंदा की है। पाकिस्तान चाहे निंदा करे या आपत्ति जताये। लेकिन, ये दुनिया जानती है कि, पीओके-बलूच भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान ने यहां पर कब्जा जमाया हुआ है। यहां के लोगों पर अत्याचार की सारी हदें पाक सेना पार कर चुकी है।
भारत के दिये दर्द से कराह उठा पाकिस्तान
भारत द्वारा दिये गये इस दर्द से पाकिस्तान कराह उठा है। पाकिस्तान सेनी की ओर से कहा गया है कि, भारतीय सेना के एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से आने वाला ऐसा अवांछित बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग आईएसपीआर (ISPR) की तरफ से ले. जनरल द्विवेदी के बयान की निंदा की गई है। तब तो पाकिस्तान को जनरल बाजवा से पूछना चाहिए कि, रियाटरमेंट से पहले अपने दिये अंतिम स्पिच में जनता से झूठ क्यों बोला। बाजवा का कहना है कि, 1971 के जंग में पाकिस्तान के 34 हजार सैनिक ही जंग लड़े थे। लेकिन, ऑन रिकॉर्ड 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को भारत ने बंदी बनाया था। पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया था। ये पाकिस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी हार थी। पाकिस्तान आर्मी को पहले बाजवा से पूछना चाहिये की उन्होंने झूठ क्यों बोला। रही बात पीओके और बलूच की तो वो भारत के ही हिस्सा हैं और रहेंगे।
‘भारत की गलत मानसिकता’
जनरल द्विवेदी से पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी 27 अक्टूबर को कहा था कि पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा भोंका है और कश्मीर के कब्जे वाले इलाकों में बसे लोगों पर अत्याचार कर रहा है। आईएसपीआर की तरफ से एक के बाद एक ट्वीट किए गए हैं। इन ट्वीट्स में कहा गया है कि भारतीय सेना के हाई रैंक ऑफिसर की तरफ से आजाद जम्मू कश्मीर को लेकर जताई गई चिंता बेबुनियादी है। पाकिस्तान आर्मी की मानें तो यह बयान भारत की सेनाओं की उस गलत मानसिकता को दर्शाता है तो राजनीति से परिपूर्ण है। पाकिस्तान को अच्छे से पता है कि, जिस दिन भारतीय सेना चाहेगी उस दिन इन दोनों हिस्सों पर कब्जा कर लेगी। बस इंतजार है तो सही वक्त का और भी जल्द आने वाला है। मानसिकता की बात पाकिस्तान न ही करे तो अच्छा है। क्योंकि, ये वही पाकिस्तानी आर्मी है जो बलूच और पीओके की छोटी बच्चियों के साथ रेप करते हैं और वहां कि महिलाओं के शरीर में ड्रील मशीन से छेद करते हैं। पाकिस्तान सारी हदें लांघ चुका है।
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सरकार के हर आदेश पर तैयार है भारतीय सेना
आईएसपीआर ने कहा है कि जिन लॉन्च पैड्स और आतंकियों का जिक्र किया जा रहा है, वह पूरी तरह से निराधार हैं। पाकिस्तान का कहना है कि भारत की तरफ से ऐसे बयान जम्मू कश्मीर में जारी मानवाधिकार हनन से ध्यान हटाने के लिए दिए जा रहे हैं। नॉर्दन आर्मी कमांडर ले. जनरल द्विवेदी ने कहा था, ‘जहां तक भारतीय सेना की बात है, भारत सरकार से कोई भी ऑर्डर मिलने पर वह उसे हर हाल में पूर करेगी। अगर ऐसा कोई आदेश हमें दिया जाता है तो हम हमेशा तैयार रहेंगे। ले. जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तैयार है कि युद्धविराम पर जो समझौता है, उसे कभी तोड़ा नहीं जाएगा क्योंकि यह दोनों देशों के हित में है। लेकिन अगर इसे तोड़ा गया तो फिर इसका करारा जवाब मिलेगा। भारतीय सेना से पहले 27 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके में जो कश्मीरी हैं, उनका दर्द भारत महसूस करता है। कश्मीर में विकास शुरू हो चुका है और भारत को अब गिलगित बाल्टिस्तान तक पहुंचने में कोई नहीं रोक सकता है।