Pakistan-China CPEC: पाकिस्तान और चीन की दोस्ती में दरार आनी शुरू हो गई है और इसका कारण आतंक है। पाकिस्तान के आतंकी आज उसी के ऊपर हमले कर रहे हैं। जिस आतंकियों को पाकिस्तान ने पाल पोश कर बड़ा किया वही आज मुल्क में हमले कर रहे हैं। इस बीच चीन ने जो CPEC प्रजेक्ट (Pakistan-China CPEC) का सपना देखा था वो अधर में लटका हुआ है। जिसपर शी जिनपिंग सरकार ने शरीफ सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। पाकिस्तान में अब CPEC पर ब्रेक (Pakistan-China CPEC) लग गया है इसके चलते चीन काफी गुस्से में है। चीन ने इसपर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई है।
आतंकियों के आगे चीन भी बेबस
दरअसल, पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (TTP) की तरफ से बढ़ते आतंकी हमलों ने चीन को डरा दिया है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, सड़क, रेलवे और एयरपोर्ट्स का निर्माण होना है। जिस समय यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान में आया, सबकी उम्मीदें बढ़ गईं। दुनिया की एक बड़ी आर्थिक महाशक्ति देश में निवेश को तैयार हो रही थी। पाकिस्तानी अथॉरिटीज को लगने लगा था कि यह प्रोजेक्ट उनके दिन बदल सकता है। लेकिन अब इन्हीं अथॉरिटीज को ही चिंता सताने लगी है। अफगानिस्तान में तालिबान के आते ही टीटीपी पाकिस्तान में एक्टिव हो गया और दोनों मिलकर इस वक्त पाक में हमले कर रहे हैं। पश्चिमी मोर्च पर चमन के बॉर्डर से लेकर ईरान से लगे बलूचिस्तान तक में आतंकी हावी हो रहे हैं।
चीन ने पाकिस्तान में CPEC पर लगाया ब्रेक- शहबाज सरकार को जमकर सुनाया
पाकिस्तान इस वक्त चीन के कर्ज में बुरी तरह फंस चुका है। चीनी कमर्शियल बैंकों से भारीभरकम उधार ले रखा है। ऐसे में कंगाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को डूबने से अब कोई नहीं बचा सकता। बलूचिस्तान में जहां सीपीईसी के कई प्रोजेक्ट्स हैं, वहां पर चीनी कर्मियों पर लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी सैयद तारिक फातिमी ने चीनी राजदूत नोन्ग रोंग से मुलाकात की। फातिमी ने नोंग को भरोसा दिलाया है कि जिन प्रोजेक्ट्स चीनी कर्मी लगे हैं, उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। कई कोशिशों के बाद भी सीपीईसी पर ब्रेक लग गया है। इस मुलाकात में चीनी राजदूत ने साफ कर दिया कि चीनी कंपनियां पाकिस्तान के लिए ‘गो स्लो’ की नीति अपनाने वाली हैं। कराची स्थित बिजनेस रिकॉर्डर की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी राजदूत इस बात से खासे नाराज हैं कि पाकिस्तानी अथॉरिटीज चीनी कंपनियों के लिए जो रवैया अपना रही हैं, वह काफी खराब है। साथ ही पाकिस्तान की ओर से चीनी पावर प्लांट्स को हो रही पेमेंट को लेकर भी नाराजगी जताई है। कुल मिलाकर पाकिस्तान ने जिन आतंकियों को भारत के खिलाफ आतंक फैलान के लिए जन्म दिया आज वही आतंकवादी उसके लिए नासूर बन बैठे हैं। यही आतंकी अब पाकिस्तान को दो टूकणों में करने में लगे हुए हैं।
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