America-China Conflict: दूसरे देशों को हड़पने की ड्रैगन की भूख इन दिनों बढ़ती ही जा रही है। ताइवान पर पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने के लिए चीन अपने सैनिकों को किसी भी वक्त हमले के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। दोनों देशों के बीच अब ये तनाव बहुत गहराता जा रहा है। एक ताजा अध्ययन में आशंका जताई गई है कि अगर चीन और अमेरिका के बीच जंग हुई तो अमेरिकी सेना का 1/5 वां हिस्सा खत्म हो जाएगा। साथ ही चीन अमेरिकी सैन्य ताकत का प्रतीक कहे जाने वाले 2 एयरक्राफ्ट कैरियर को डूबो देगा और 700 फाइटर जेट को तबाह कर देगा। जबकि अमेरिकी नौसेना के 20 युद्धपोत भी चीनी हमले का शिकार हो जाएंगे। इस युद्ध कम से कम 3200 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो जाएगी।
चीन-अमेरिका में कैसे होगी जंग?
चीन और अमेरिका के बीच युद्ध को लेकर यह अनुमान सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एंड इंटरनैशनल स्टडी ने इस वॉरगेम का अनुमान लगाया है। इस वॉरगेम में 21 दिन तक चलने वाले युद्ध की परिकल्पना की गई है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि दोनों ही महाशक्तियों के बीच परमाणु हथियारों की बजाय परंपरागत हथियारों से जंग लड़ी जाएगी। चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्सा है और उसने प्रण किया है कि अगर जरूरी हुआ तो वह ताकत के बल पर ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
अमेरिका के ढेरों फाइटर जेट होंगे तबाह!
चीन साल 2026 में ताइवान पर कब्जा करने का प्रयास करेगा और अगर अमेरिकी सेना मदद के लिए आती है तो उसे चीनी सैनिक रास्ते में ही करारा जवाब देंगे। इसमें अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी नौसेना को दो एयरक्राफ्ट कैरियर और 20 अन्य युद्धपोत को गंवाना होगा। इस जंग में अमेरिका को 90 से लेकर 774 फाइटर जेट का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस समय अमेरिका के पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर और 3,800 फाइटर जेट मौजूद हैं।
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अमेरिका के लिए चीन ने बनाया डीएफ-17
DF-17 को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइल कहा जाता है। चीन ने इसे अमेरिका को ही ध्यान में रखकर बनाया है। इस जंग में अमेरिका के कम से कम 3200 सैनिक मारे जाएंगे। हर दिन 140 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो सकती है जो दूसरे विश्वयुद्ध में हुए नुकसान के करीब होगा। यह वियतनाम युद्ध से काफी ज्यादा होगा जहां हर दिन 30 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।
पर्लहार्बर की तरह से चीन करेगा हमला
इस तरह के हमले की तुलना जापान के पर्लहार्बर पर किए गए हमले से की जा सकती है। चीन के इन हमलों में लाशों का अंबार लग जाएगा और अस्पताल घायल अमेरिकी सैनिकों से भर जाएंगे। इस हमले से अमेरिका की बादशाहत को बहुत बड़ा झटका लगेगा जिससे वह सालों तक उबर नहीं पाएगा। इस वारगेम में यह भी अनुमान लगाया गया है कि चीन तभी ताइवान पर कब्जा कर सकता है जब अमेरिका उसकी मदद के लिए नहीं आए। यही नहीं अमेरिका से इस जंग में चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस जंग में अमेरिका जीत तो जाएगा लेकिन उसे लंबे समय तक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।