चीन (China) ने अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे बड़ी नौसैनिक फौज बना ली है, उसने पिछले कुछ सालों में अपनी नौसेना की ताकत में कई गुना इजाफा किया है। दरअसल, चीन चाहता है कि वह पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में अपने नौसैनिक अड्डे बनाए। सिर्फ इतना ही नहीं, वह इंडो-पैसिफिक रीजन में भी अपने नौसैनिक अड्डे बनाना चाहता है। अब जब चीन पूरी तरह से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना का विकास कर रहा है। यह बीजिंग के दुश्मनों के लिए बिल्कुल अच्छी खबर नहीं है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जंग में बड़ा बेड़ा लगभग हमेशा जीतता है और यह अमेरिका (America) के लिए एक चेतावनी है। यूएस नेवल वॉर कॉलेज के एक प्रोफेसर ने अमेरिकी सैन्य योजनाकारों के लिए एक चेतावनी दी है कि ‘नौसैनिक युद्ध में, बड़ा बेड़ा लगभग हमेशा जीत हासिल करता है। पेंटागन के नेताओं ने चीन को अमेरिकी सेना के लिए ‘पेसिंग थ्रेट’ करार दिया है। वह खतरा जो उनकी तरफ बढ़ रहा है।
यदि बेड़े के आकार पर नजर डाली जाये तो अमेरिकी सेना चीन की नौसैनिक वृद्धि का मुकाबला नहीं कर सकती। नवंबर में जारी पेंटागन की 2022 चाइना मिलिट्री पावर रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने 2020 के आसपास बेड़े के आकार में अमेरिकी नौसेना को पीछे छोड़ दिया था। अब इसके पास लगभग 340 युद्धपोत हैं। रिपोर्ट में बताया गया की अगले दो साल में चीन के बेड़े में 400 तक जहाज शामिल हो सकते हैं।
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US हुआ टेक्नोलॉजी के भरोसे
अमेरिका के बेड़े में 300 से कम जहाज हैं। पिछली गर्मियों में जारी अमेरिकी नौसेना के नैविगेशन प्लान 2022 के अनुसार, पेंटागन का लक्ष्य 2045 तक अपने बेड़े में जहाजों की संख्या को बढ़ाकर 350 तक करना है। इसके बावजूद यह चीन से काफी कम है। इसलिए दुश्मन से मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सैन्य अधिकारी टेक्नोलॉजी पर भरोसा कर रहे हैं।
चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ी नौसेना
वैसे अगर इतिहास से सबक लिया जाए, तो किसी भी युद्ध में चीन के संख्यात्मक लाभ के कारण अमेरिकी नौसेना के लिए हार की संभावना है। संख्याबल के मामले में चीन की नौसेना दुनिया में सबसे बड़ी है। पिछले आठ साल में चीन ने अपनी नौसेना की ताकत के तेजी से बढ़ाया है।