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सदाबहार दोस्त पाकिस्तान ने चीन को दिखाई आंख,जिनपिंग ने नहीं दी भीख तो खिसियाया

पाकिस्‍तान को दोस्‍त चीन ने पैसा देने से किया माना

इन दिनों बुरी तरह कंगाल हो चुके पाकिस्तान (Pakistan) को अब कोई सहारा देने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान जिस दोस्त के हमेशा वो गुनगान करता रहता है आज के समय भी उसने भी मुल्क को अंगूठा दिखा दिया है। वैसे पाकिस्तान और चीन की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है, लेकिन यह भी सबको पता है कि जिस चीन के दम पर पाकिस्तान इतना बड़बोला होते जा रहा है वह चीन सिर्फ उसका इस्तेमाल कर रहा है। आज यह बात बिलकुल सच साबित होते भी दिख रही है क्योंकि अब कंगाल हो चुके पाकिस्‍तान को दोस्‍त चीन ने अब बिना शर्त पैसा देने से किनारा कर लिया है। इस दौरान चीन ने साफ कह दिया है कि पाकिस्‍तान कर्ज हासिल करने के लिए आईएमएफ के प्रोग्राम को लागू करे।

चीन के इस रुख के बाद अब पाकिस्‍तान (Pakistan) सरकार ने अपने आका चीन को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है। जी हां, पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हजारों की तादाद में सीपीईसी परियोजना (CPEC) में काम कर रहे चीनी नागरिकों से साफ कह दिया है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए खुद निजी सुरक्षा एजेंसियों को किराए पर लें और उसका पैसा भुगतान करें। चीनी नागरिकों पर बलूच विद्रोही अक्‍सर हमला करते रहते हैं। इस समय पाकिस्‍तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और देश के डिफॉल्‍ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच पंजाब प्रांत की सरकार के गृह मंत्रालय ने राज्‍य में रह रहे या निजी कंपनियों के साथ काम कर रहे चीनी नागरिकों को निर्देश दिया है कि वे A कटेगरी की सुरक्षा के लिए खुद ही निजी सुरक्षा एजेंसियों को हायर करें। यही नहीं इस निजी सुरक्षा एजेंसी का पूरा खर्च चीनी नागरिकों को ही देना होगा।

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Pak में इतने चीनी नागरिकों को मिली है सुरक्षा

साल 2014 में पंजाब सरकार ने स्‍पेशल प्रोटेक्‍शन यूनिट का गठन किया था। इसे राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं में लगे विदेशियों को सुरक्षा मुहैया कराने का काम दिया गया था। इसमें 3,336 सुरक्षा कांस्‍टेबल, 187 ड्राइवर और 244 पूर्व सैनिक शामिल हैं। इन लोगों को काफी सख्‍त ट्रेनिंग दी गई। वर्तमान समय में इस यूनिट में 3,829 अधिकारी और सुरक्षाकर्मी हैं। ये सीपीईसी योजना में काम कर रहे 7,567 चीनी नागरिकों को सुरक्षा दे रहे हैं।

वहीं डीआईजी आगा युसूफ ने कहा कि जो चीनी नागरिक सीपीईसी या अन्‍य सरकारी प्रॉजेक्‍ट में काम कर रहे हैं, केवल उन्‍हीं को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि जो चीनी नागरिक प्राइवेट परियोजनाओं में काम कर रहे हैं, या खुद से पाकिस्‍तान की यात्रा पर आए हैं, उन्‍हें न‍िर्देश दिया गया है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षा कंपनियों को हायर करें। पाकिस्‍तान में ऐसे सैकड़ों चीनी नागरिक हैं जो प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हम प्रत्‍येक चीनी नागरिक की सुरक्षा का खर्च नहीं दे सकते हैं।