पाकिस्तान (Pakistan) की नई सरकार शाहबाज शरीफ के सामने कई सारी चुनौतियां हैं जिसमें से एक महंगाई भी है। देश में इस वक्त महंगाई इतनी ज्यादे बढ़ गई है कि हर एक चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। चाहे आटा, चावल, दाल, तेल, घी, दूध या फिर अन्य खाने का राशन हो हर एक के दाम अपने हाई रिकॉर्ड पर हैं। अभी ये झेला नहीं जा रहा था कि अब पाकिस्तानियों की थाली से मीट मुर्गा भी गायब होने लगा। क्योंकि, मुर्गे की कीमतें कंगाली के दिनों में आसमान छू रहे है। पाकिस्तान के कराची में चिकन की मौजूदा कीमत 490 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि मुर्गे के मांस की कीमत 720 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। कीमतों में यह बढ़ोतरी फीड की कमी के कारण कई पोल्ट्री व्यवसायों के बंद होने के कारण हुई है।
इस्लामाबाद-रावलपिंडी में रिकॉर्ड स्तर पर दाम
रावलपिंडी, इस्लामाबाद (Islamabad) और कुछ अन्य शहरों में चिकन की कीमत भी अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यहां पर पोल्ट्री मांस 700 से 705 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। इस बीच, देश के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर लाहौर में मुर्गे के मांस की कीमत 550-600 रुपए प्रति किलो के बीच चल रही है। ये बढ़ती कीमतें कई उपभोक्ताओं के लिए चिंता का कारण हैं, जो प्रोटीन के मुख्य स्रोत के रूप में चिकन पर भरोसा करते हैं।
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मुर्गे की कमी पर क्या बोली सरकार?
फ़िलहाल सरकार इन बढ़ती कीमतों से प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के तरीकों की तलाश कर रही है। समा टीवी के मुताबिक पोल्ट्री उद्योग पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसकी आपूर्ति श्रृंखला में कोई भी व्यवधान देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।