इस वक़्त पाकिस्तान (Pakistan) आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भुकमरी से हालात बुरे हो चुके हैं।देश दाने दाने को मोहताज हो गया है। एक दूसरे के मुँह से रोटी छीनने की नौबत आ गई है। जनता एक एक चीज़ के लिए मारामारी कर रही है।पाकिस्तान(Pakistan)से आए दिन आर्थिक संकटों को लेकर खबरें आती रहती हैं। पाकिस्तान में आर्थिक तंगी का आलम ये है कि देश की करेंसी बुरी तरह से कमजोर हो चुकी है।अगर पाकिस्तान के एक रुपये की तुलना अमेरिकी डॉलर से करे तो 1 डॉलर (US Dollar) पाकिस्तान के 284 रुपये के बराबर है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति की हालत किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान में महंगाई ने अभी तक के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान की सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) ने शनिवार को आंकड़े जारी किए, जिसमें बताया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की ओर से मापी गई मुद्रास्फीति मार्च में 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है। ये वार्षिक आधार पर मार्च में अब तक की सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति दर है।
पाकिस्तान (Pakistan) की करेंसी डॉलर से तो दूर की बात है एशिया के कई देशो से कमज़ोर है।नेपाल (Nepal), अफगानिस्तान (Afghanistan), भूटान (Bhutan), बांग्लादेश (Bangladesh), ईराक (Iraq) और चीन (China) से ये कमजोर है। इसका मतलब पाकिस्तानी रुपये न सिर्फ अपने से बड़े देशों के मुकाबले कमजोर है, बल्कि कई छोटे देशों के करेंसी से कमजोर भी है।
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आपको बता दें के पाकिस्तान फिर से उभरने के लिए IMF से कई बार भीक मांग चूका है। लेकिन IMF ने हर बार उसे ठेंगा दिखाया है। IMF ने अबकी बार शर्तें रख दी हैं। अब तो पाकिस्तान को सऊदी अरब तक ने धुत्कार दिया है। सऊदी अरब ने हमेशा पाकिस्तान की मदद करी है लेकिन अबकी बार उसने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।पाकिस्तान अब डिफ़ॉल्ट होने की कगार पर आगया है।