दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक अपनी मनमानी कर रहे चीन (China) अफ्रीका में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में जुट गया है। दरअसल, चीन ने अफ्रीकी देश जिबूती में अपना बड़ा नेवल बेस तैयार कर लिया है। इस बेस पर चीन ने अपने 900 से लेकर 1200 सैनिकों को तैनात किया हुआ है। इस नौसैनिक अड्डे पर हाल ही में चीन का एक 7000 टन का डेस्ट्रायर नानिंग पहुंचा था। चीन ने पिछले दिनों अपने दो जासूसी जहाजों को लेकर दक्षिण अफ्रीका और रूस के साथ संयुक्त अभ्यास किया था।
वहीं नौसैनिक अभ्यास में चीन के दो जासूसी जहाज डा यांग हाओ और शियान यांग होंग ने हिस्सा लिया था। चीन की कोशिश इसके जरिए अफ्रीकी देशों को अपने प्रभाव में लाया जाए लेकिन उसकी यह नापाक चाल नहीं चली। चीन का पहला निशाना बाटा था जो इक्वेटोरियल गिनी में है। बाटा में चीन को अटलांटिक महासागर के अंदर नौसैनिक अड्डा (Navy Base) बनाना था लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी।
तंजानिया ने भी चीन को दिया झटका
एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पश्चिमी देशों की दबाव की वजह से बाटा ने चीनी अड्डे को ना कर दिया। इस दौरान इक्वेटोरियल गिनी में पश्चिमी देशों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने दौरा किया था। इसके बाद चीन की नजर बागमोयो पर थी जो एक समय में तंजानिया का हिंद महासागर में महत्वपूर्ण बंदरगाह था। शुरुआती प्रयासों के बाद चीन को कोई भी सकारात्मक संकेत तंजानिया से नहीं मिला।
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तो बस फिर होना क्या था वहां भी चीन की दाल नहीं गली। हिंद महासागर क्षेत्र में सिर्फ जिबूती ही एक ऐसा देश है जहां पर उसे सफलता मिली है। जिबूती का चीनी नौसेना का बेस काफी बड़ा है। हालांकि यहां भी पश्चिमी देश बड़े पैमाने पर मौजूद हैं जिससे वहां चीन को उस तरह की सफलता नहीं मिली जिसकी उसे उम्मीद है। चीन लगातार हिंद महासागर में अपने जासूसी जहाज और युद्धपोत भेज रहा है। यही नहीं म्यांमार के कोको द्वीप और कंबोडिया में चीन के जासूसी बेस बनाने की भी खबरें आई हैं। इससे भारत को बड़ा खतरा हो सकता है।