आबादी के ख़्याल से चीन दुनिया का सबसे बड़ा देश है।लेकिन,उसका यह दर्जा अब कुछ ही सालों में छिन जाने वाला है।इसके पीछे की वजह उसकी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ है। चीन अब तेज़ी से बूढ़ों का देश बनता जा रहा है।यही वजह है कि वह अपनी इस नीति से पीछे हटने के लिए मजबूर हो रहा है।
ऐसा नहीं कि इसके पीछे की एकलौती वजह चीन की एक बच्चे की नीति रही है।सचाई यही है कि मौजूदा समय में बच्चों की परवरिश आसान नहीं रही है। लागत बढ़ रही है। परिवार चलाना आसान नहीं रह गया है। रोज़गार की अनिश्चितता है।ऐसे में लोगों की दिलचस्पी बच्चा पैदा करने में नहीं है। पोर्टल प्लस ने सेंटर ऑफ़ पॉलिसी स्टडीज़ के एक वरिष्ठ शोध साथी शिउजियन पेंग के हवाले से बताया है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्त का एक प्रमुख केंद्र हांगकांग में भी तेज़ी से आबादी घट रही है।
पोर्टल प्लस के अनुसार, ऐसा लगता है कि शहरों में जन्म दर में गिरावट आ रही है और बुज़ुर्गों की आबादी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
शी जिनपिंग की सख़्त शून्य कोविड नीति महिलाओं द्वारा बच्चे पैदा करने में देरी करने या ऐसा करने से बाज़ आने का एक और बड़ा कारण है। ऐसे में बूढ़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार 2035 तक चीन में 400 मिलियन या पूरे देश की आबादी के 30 प्रतिशत की आबादी बूढ़ी हो चुकी होगी।
एक मीडिया पेशेवर क्लेयर जियांग के अनुसार, सोशल मीडिया पर चला ट्रेंड, “हम अंतिम पीढ़ी हैं” असल में चीनी अधिकारियों द्वारा कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर एक व्यक्ति के परिवार को तीन पीढ़ियों तक दंडित करने की धमकी के जवाब में शुरू किया गया था। दी पोर्टल प्लस की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के लोगों में एक तरह से इस बात के लिए प्रेरित कर दिया कि अब बच्चे पैदा नहीं करना है और अविवाहित रहना है।
जियांग का कहना है कि एक ऐसे देश में रहने की का क्या मतलब, जहां सरकार आपके घर पर दिख सकती है और जो कुछ भी वह चाहती है, वह कुछ ऐसी बात है, जो मैं नहीं चाहता मेरे बच्चों को ये सब भोगना पड़े।
आने वाले जनसांख्यिकीय संकट को टालने के लिए ‘वन-चाइल्ड पॉलिसी’ में ढील दिए जाने के बावजूद 2017 के बाद से चीन की जन्मदर में गिरावट आयी है।
इससे पहले अगस्त में चीनी अधिकारियों ने संतुलित दीर्घकालिक जनसंख्या विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रसवपूर्व और प्रसव के बाद आर्थिक सहायता दी जाने वाली नीतियों की शुरुआत करते हुए एक दिशानिर्देश जारी किया था।
मंगलवार को जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के दिशानिर्देश के अनुसार इन उपायों में बेहतर मातृ देखभाल सेवायें, सार्वजनिक लाभ वाली चाइल्डकेअर सेवायें और बेहतर मातृत्व और माता-पिता की छुट्टी जैसी नीतियां शामिल हैं।
चीनी सरकारी मीडिया ने कहा कि इस नये जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि स्थानीय सरकारें श्रमिकों को लचीले रोज़गार में शामिल करने के लिए मातृत्व बीमा के कवरेज का विस्तार करने के तरीकों का पता लगा सकती हैं।
2021 में बीजिंग ने एक नया जनसंख्या और परिवार नियोजन क़ानून जारी किया था, जो चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है, ज़ाहिर तौर पर बढ़ती लागत के कारण ये जोड़े अतिरिक्त बच्चे पैदा करने की इच्छा को अमली जामा नहीं पहना सकते।