इज़राइल की पुलिस ने फिर से येरूशलम के पुराने शहर में स्थित अल अक्सा मस्जिद पर बुधवार को हमला किया। पुलिस ने यहां पर नमाज पढ़ रहे लोगों को वहां से भगाने के लिए बल का प्रयोग किया। मस्जिद के अंदर जमकर झड़प हुई। अल अक्सा मस्जिद वह जगह जो पिछले कई दशक से इजरायल और फलस्तीन के बीच विवाद का विषय बनी हुई है। मस्जिद टेंपल माउंट पर स्थित है। इजरायल में बसे यहूदी इसे हर हा-बायित कहते हैं और मुसलमान इसे अल-हरम -अल शरीफ के तौर पर बुलाते हैं।मुस्लमान इस मस्जिद को मक्का और मदीना के बाद इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह है। टेंपल माउंट पर स्थित यह पवित्र जगह यानी चट्टान का गुंबद और अल अक्सा मस्जिद स्थित है।
यह जगह यहूदियों के लिए भी काफी पवित्र है। इस जगह पर इजरायल और फलस्तीन के दावे ने इसे संघर्ष की एक जगह में तब्दील करके रख दिया है। मई 2021 में भी यहां पर विवाद हुआ था और 11 दिन के बाद जाकर स्थिति सामान्य हो सकी थी। उस समय इजरायल और हमास के बीच युद्ध सी स्थिति थी। हमास को इजरायल ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।
यह भी पढ़ें: एक बच्चे की नीति में बुरा फंसा चीन
बुधवार को यहां पर जो कुछ हुआ है, उस पर इजरायल का बयान आया है। इजरायल का कहना है कि जब मास्क पहने कुछ आंदोलनकारी यहां पर दाखिल हो गए और उन्होंने इसे अंदर से लॉक कर दिया तो इजरायली रक्षा बलों को यहां पर दाखिल होना पड़ा। इजरायल ने यह दावा भी किया कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर पत्थर चलाए गए और उनके पास हथियार भी थे। वेस्ट बैंक और येरूशलम में पिछले कई दशकों से तनाव बरकरार है। अभी जबकि रमजान का महीना जारी है तो माना जा रहा है कि हिंसा और तनाव की स्थिति बढ़ सकती है।अल अक्सा मस्जिद में पुलिस दंगे रोकने के सभी उपकरणों के साथ दाखिल हुई थी। तड़के जब लोग नमाज पढ़ने के लिए दाखिल हुए थे तो पुलिस भी पहुंच गई। ऑफिसर्स का कहना है कि उन पर पत्थर फेंके गए और यहां तक कि गोलियां भी चलाई गईं।