भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं. मोदी (PM Modi) को पसंद करने वाले लोग पाकिस्तान (Pakistan) में भी हैं. पाकिस्तानी मुसलमानों के कई ऐसे समुदाय हैं जो मोदी (PM Modi) की तारीफ करते रहते हैं. अभी ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एनआईडी फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘विश्व सद्भावना कार्यक्रम’ में पाकिस्तानियों के मुंह से ‘मोदी है तो मुमकिन है…’ का शोर गूंजा है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ), एनआईडी फाउंडेशन (दिल्ली) और नामधारी सिख सोसाइटी की ओर से 23 अप्रैल को विश्व सद्भावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दुनियाभर के धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, प्रचारकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया. वहीं पर, विभिन्न धार्मिक समुदायों के पाकिस्तानी लोग भी आए. उनमें से काफी लोग अहमदिया मुस्लिम समुदाय के थे.
पाकिस्तान भी हुआ PM Modi का मुरीद
पाकिस्तान के अहमदिया समुदाय मुसलमानों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का नाम लेकर उनकी तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदीजी द्वारा “सभी समुदायों का सम्मान करना” हमें भा गया है, उनमें सबको साथ लेकर चलने की कुव्वत है. इसलिए हम उनकी प्रशंसा करते हैं. लाहौर से ताल्लुक रखने वाले अहमदिया मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य डॉ. तारिक बट ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से कह सकता हूं कि मेरे बहुत सारे दोस्त भारतीय हैं और मैंने उन्हें आपस में मिलकर कई एक्टिविटीज करते देखा है. मैं खुद उनके कार्यक्रमों में गया हूं. मुझे लगता है कि अब भारतीय मुसलमानों और पाकिस्तानी मुसलमानों के बीच सद्भाव बढ़ रहा है. उनमें आपसी पहुंच बढ़ रही है. हम मतभेदों की तुलना में अधिक समानताएं लाना चाहते हैं.”
मोदी है तो मुमकिन है
इस आयोजन को सद्भावना की एक बड़ी पहल बताते हुए और हिंदू और मुस्लिम समुदायों को एक साथ जोड़ने और उन्हें एक मंच पर लाने के लिए, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी समुदायों को सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए अन्य समुदायों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करके सही काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के पास वह करिश्मा है जहां लोग उनके धार्मिक झुकाव की परवाह किए बिना उनका अनुसरण कर रहे हैं, दैट्स गुड!” उन्होंने कहा, “मैं अपनी तरफ से कहूंगा कि मोदी है तो मुमकिन है.”इसी तरह कराची से दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधि, ताहर शाकिर ने कहा, “हमने हाल ही में एक कार्यक्रम किया था जहां हमारे विश्वविद्यालय का एक नया चैप्टर था- मुंबई के मरोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह और मोदीजी खुद आए थे और उनमें से एक जो बातें उन्होंने हमसे कही वो ये थी कि प्लीज बहुत आदरसूचक शब्दों से मत बुलाओ. मैं तुम्हारे घर का एक हिस्सा हूं.’
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