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भारत में अमेरिकी B-1B बॉम्‍बर के गरजने से काँपा चीन, करने लगा PM Modi की तारीफ

भारत में अमेरिका के B-1B लांसर सुपरसोनिक बॉम्‍बर्स के आने की धमक अब चीन तक साफ महसूस की जा रही है। ये महाविनाशक बॉम्‍बर भारत में कोप इंडिया अभ्‍यास में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे हैं। इस अभ्‍यास में अमेरिका और भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट हिस्‍सा लेंगे। अमेरिकी बॉम्‍बर भारत और चीन के बीच एलएसी से मात्र 700 किमी की दूरी पर बेंगलुरु में उतरे हैं। ये 13 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच में चल रहे हवाई अभ्‍यास में हिस्‍सा लेंगे। यह हवाई अभ्‍यास पश्चिम बंगाल में स्थित कलाईकुंडा एयरफोर्स स्‍टेशन पर हो रहा है जो चीन की सीमा से बेहद करीब है और भूटान तथा बांग्‍लादेश से सटा हुआ है। इस घातक बॉम्‍बर के पहली बार भारत पहुंचने पर चीन के विदेशी मामलों के विशेषज्ञ मोदी सरकार की विदेश नीति के मुरीद हो गए हैं।चीन के अखबार साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट ने विश्‍लेषकों के हवाले से कहा कि यह बॉम्‍बर दर्शाता है कि अमेरिका चाहता है कि भारत चीन के खिलाफ और ज्‍यादा सख्‍त रुख अपनाए। चीनी विश्‍लेषकों ने कहा कि भारत इसके बाद भी चीन के साथ संतुलित रिश्‍ते बनाए रख सकता है। चीनी सेना के पूर्व इंस्‍ट्रक्‍टर सोंग झोनपिंग ने कहा, ‘बी-1बी बॉम्‍बर एक रणनीतिक बॉम्‍बर है, अत्‍यधिक मेंटेनेंस की वजह से यह भले ही अभ्‍यास में बहुत कम शामिल होता हो लेकिन यह एक ज्‍यादा ताकतवर और लंबी दूरी तक मार करने वाला बॉम्‍बर है। इसमें दुश्‍मन के डिफेंस जोन के बाहर से हमला करने की क्षमता है।’

क्या बोला चीन?

सोंग ने कहा, ‘अमेरिका का रणनीतिक बॉम्‍बर भेजने का उद्देश्‍य भारत के साथ तेजी से बढ़ती भागीदारी को दर्शाना है और दोनों देशों के बीच रणनीतिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है।’ चीनी विशेषज्ञ ने दावा किया कि अमेरिका का इरादा चीन और भारत के बीच रिश्‍तों को उकसाना है और भारत को चीन के खिलाफ आक्रामक रणनीतिक अपनाने के लिए उत्‍साहित करना है। चीन के लिए चिंता की बात यह है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच सेनाओं में कितना सतत और लंबे समय तक चलने वाला सहयोग होता है।’