गोवा में गुरुवार (4 मई) से शंघाई सहयोग संगठन (SCO)के विदेश मंत्रियों के बैठक हो रही है। इसमें शामिल होने के लिए सभी SCO देशों के विदेश मंत्री गोवा आए हुए हैं। इस सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) एससीओ देशों के तमाम विदेश मंत्री के साथ मिलकर बैठक कर रहे हैं। SCO सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी गोवा पहुंचे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बिलावल भुट्टो का गोवा में विधिवत स्वागत किया। इस बैठक में पाकिस्तान विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत का नाम लिए बगैर देश पर निशाना साधने की कोशिश की है।
सम्मेलन में बैठक के दौरान बिलावल ने कहा, “आतंकवाद जैसे मुद्दे को राजनयन के तौर पर अपने नम्बर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” इस बयान से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों देशों में किस तरह का रिश्ता है। सम्मेलन की बैठक में जब पाकिस्तान विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो हिस्सा बनने के लिए मंच पर पहुंचे तब जयशंकर भी वहा खड़े थे। इस दौरान डॉ. जयशंकर ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत किया। यहा बिलावल को जयशंकर से कुछ दूरी पर खड़े हुए देखा गया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने साथ में फोटो खिंचवाई और फिर जयशंकर ने उन्हें मंच से जाने का रास्ता दिखाया। इस दौरान दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई और न ही दोनों ने हाथ मिलाए। एक ही फोरम का सदस्य होने और उस फोरम की मीटिंग में शामिल होने के बावजूद भारत और पाकिस्तान की दूरियां बनी रहीं।
क्या बोलें S. Jaishankar?
जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि आतंकवाद से नजरें हटाना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन के चैनल को बिना किसी भेदभाव के जब्त और अवरुद्ध किया जाना चाहिए। जबकि दुनिया कोविद -19 महामारी और उसके परिणामों का सामना करने में लगी हुई थी, आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी है, उन्होंने कहा, पाकिस्तान पर निर्देशित टिप्पणी के रूप में देखा गया। उन्होंने कहा, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है और इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए।” जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है।
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