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मंगल ग्रह पर पानी? खुली किताब जैसी चट्टान देख वैज्ञानिक भी रह गए भौचक्के, क्या है रहस्य?

Open Book On Mars

NASA Scientists: दुनिया कितनी आगे निकल चुकी है, इस बात अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हो गया है। हर रोज हमारे वैज्ञानिक नए-नए खोज कर रहे हैं। ऐसे में नासा के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जिसे देखने के बाद आपकी अपनी ही आंखों पर शक करने लगेंगे। दरअसल, एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है, जिसे देखने के बाद आपकी ही नहीं बल्कि किसी की भी आंखें धोखा खा सकती है। आलम ये है कि लोग इसे देखने के बाद काफी हैरान हो जा रहे हैं।

दरअसल, इंटरनेट पर जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसे एक दफा देखने पर वह किताब नजर आएगी। लेकिन यह एक चट्टान है, जो मंगल ग्रह पर मिला। नासा के वैज्ञानिकों ने अपनी खोज के दौरान इसकी एक फोटो निकाली है, जो हुबहू एक खुली किताब की आकृति की तरह लग रही है। इसको टेरा फिरमे नाम दिया गया है। इस खोज से ग्रह पर पहले पानी की मौजूदगी से जुड़े कई सवाल खड़े हुए हैं। नासा के अधिकारियों ने बताया कि मंगल ग्रह पर चट्टानों के असामान्य आकार अक्सर अरबों साल पहले हुए जल गतिविधि का परिणाम होते हैं।

लम्बे वक्त तक पानी की उपस्थिति से चट्टानों में दरार के कारण रिसाव हुआ। रिसाव की वजह से इनमें कठोर खनिज जमा हो गया। जब पानी सूख गया तो हवा के कटाव के कारण नर्म चट्टान का क्षरण हुआ और सिर्फ कठिन पदार्थ ही बचा। इसके परिणामस्वरूप अनोखी आकृतियां मंगल की सतह पर दिखाई देती हैं। क्यूरियोसिटी के मार्स हैंड लेंस इमेजर (MAHLI) ने टेरा फिरमे की तस्वीर खींची।

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रोवर क्या कर रहा है?

जेपीएल का कहना है कि क्यूरियोसिटी रोवर गेल क्रेटर में अगस्त 2012 से ही खोज कर रही है। वहीं मंगल ग्रह पर नासा का एक अन्य मिशन पर्सीवरेंस रोवर जेजेरो क्रेटर में खोज कर रहा है। पर्सीवरेंस रोवर मंगल ग्रह की चट्टानों पर ड्रिल करके प्राचीन जीवन के सबूत खोज रहा है। नासा का प्रयास है कि इन ट्यूब्स को वापस धरती पर लाया जाएगा। धरती पर लाने के बाद इसकी जांच की जाएगी। जबकि साल 2030 तक इसके पृथ्वी पर वापस आने की उम्मीद है।

सैंपल वापस लाने का मिशन

नासा मान कर चल रहा है कि सैंपल वापसी के मिशन में लंबा समय लग सकता है और तब तक शायद पर्सीवरेंस रोवर काम करना बंद कर दे। इसी संभावना को देखते हुए नासा ने सभी सैंपल की एक कॉपी ट्यूब मंगल की सतह पर गिरा दी है। अगर रोवर से सैंपल नहीं मिले तो एक हैलीकॉप्टर सतह के सैंपल उठाएगा।