James Webb Water Planet: खगोलविदों ने करीब 40 प्रकाश-वर्ष दूर एक तारे के चारों ओर घूमने वाले ग्रह जीजे 1214बी (GJ 1214b) को लेकर नया शोध किया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की सहायता से मिनी नेपच्यून के नाम से जाने जाने वाले इस ग्रह को बारीकी से देखा गया है। दरअसल, मिनि नेपच्यून विशाल गैसीय ग्रह का एक सिकुड़ा हुआ संस्करण है। क्योंकि हमारे सौरमंडल में ऐसा कोई ग्रह नहीं है, इसलिए वैज्ञानिकों को इसके प्रति जिज्ञासा बनी हुई है। लेकिन अब इसके कुछ रहस्य धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
दरअसल, जब पहले इस ग्रह को देखा गया था तो इस पर बादलों की घनी परत देखी गई थी, जिसने इसके अंदर देखने से रोक दिया था। मगर जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है, जो इनफ्रारेड हीट कैमरे से लैस है। इस टेलीस्कोप ने घने बादलों की जांच की, जिससे जुड़े रिजल्ट 10 मई को जर्नल नेचर में पब्लिश किया गया है।
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खोजी बेहद खास जानकारी
नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के एक एक्सोप्लैनेट शोधकर्ता रॉब जेलेम ने एक बयान में बताया है कि पिछले लगभग एक दशक से इस ग्रह के बारे में हमें सिर्फ यह पता था कि इसका वातावरण बादल भरा या धुंधला था। JWST के मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) का इस्तेमाल ग्रह का तापमान मैप करने के लिए किया गया।
कक्षा में घूमने के दौरान इसके दिन और रात दोनों का ही तापमान कैप्चर किया गया, जिसके डेटा से खगोलविद यह पता लगाने में सक्षम हुए कि यह किस चीज से बना है। वहीं GJ 1214b के तापमान में नाटकीय रूप से बदलाव हुए। इसमें पाया गया कि दिन में तापमान 535 डिग्री फारेनहाइट और फिर रात में 100 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया। पृथ्वी के लिहाज से इसे ऐसे समझा जा सकता है कि एक ही दिन में तेज गर्मी हो और फिर उसी रात को बर्फीला तूफान आए।