चीन (China) बस कैसे भी ताइवान (taiwan) पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा हुआ है। ये जंग अगर हुई तो ताइवान के बीच नहीं बल्कि चीन और अमेरिका बीच होगी। क्योंकि, अमेरिका का साफ कहना है कि यह ड्रैगन ने ताइवान पर हमला किया तो वो उसकी रक्षा करेगा। चीन पहले से ही कहते आ रहा है कि अमेरिका, ताइवान के मामलों पर बोलना बंद करे क्योंकि, वो उसका हिस्सा है और वो जब चाहेगा तब ताइवान को अपने में मिला लेगा। इधर ताइवान का कहना है कि उसकी अपनी आजादी है वो इसके लिए अंत तक लड़ेगा। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लिए ताइवान (taiwan) लगातार युद्धभ्यास कर रहा है। दरअसल चीन हाल के समय में ताइवान को कई बार जंग की धमकी दे चुका है।
ऐसे में एक बार फिर ड्रैगन ताइवान को लेकरअपना आक्रामक रुख दिखा रहा है। चीन की सेना ने मंगलवार को कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता की किसी भी तरह की कोशिश को नष्ट कर दिया जाएगा। चीन की ओर से यह बयान तब आया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिका ताइवान को नए रक्षात्मक हथियारों की बिक्री में तेजी लाएगा। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल तान केफेई ने ऑनलाइन पोस्ट किए एक बयान में कहा कि अमेरिका और ताइवान की सेनाओं के बीच आदान-प्रदान में हालिया वृद्धि बेहद गलत और खतरनाक कदम है। उन्होंने कहा, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सैन्य प्रशिक्षण और तैयारियों को लगातार बढ़ा रही है। सेना बाहरी हस्तक्षेप के प्रयासों के साथ-साथ ताइवान के अलगाव के किसी भी रूप को पूरी तरह से तोड़ देगी और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की पूरी तरह से रक्षा करेगी।
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चीन के पास सबसे बड़ी सेना
बता दें, चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। चीन के पास लेटेस्ट जेनरेशन के लड़ाकू विमान और बैलिस्टिक मिसाइल का एक विशाल शस्त्रागार है। चीन लगातार आए दिन ताइवान के हवाई क्षेत्र में विमानों और युद्धपोतों को भेजकर धमकी दे रहा है। चीन के पास 20 लाख से अधिक सैन्य बल है। लेकिन इसके बावजूद भी ताइवान पर हमला करना परिवहन के लिहाज से एक बड़ी चुनौती है।
अमेरिका से ताइवान को समर्थन
यूरोप और अमेरिका के राजनेता ताइवान को अपना समर्थन दिखाने के लिए लगातार यात्राएं करते रहते हैं। तान की टिप्पणी उस सवाल के जवाब में आई जिसमें एक रिपोर्ट के बारे में कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 500 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने की तैयारी कर रहे हैं।