दुनिया तेजी से एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर भाग रही है। कुछ लोग इसे ‘आने वाला कल’ बता रहे हैं तो कुछ इसे ‘इंसानों के लिए खतरा’ मान रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सलाहकार ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम केवल दो सालों के भीतर ‘कई लोगों को मारने’ के पावरफुल बनने के रास्ते पर है। पीएम के सलाहकार का नाम मैट क्लिफोर्ड है, जोकि सरकार के फाउंडेशन मॉडल टास्कफोर्स लीड कर रहे हैं। ये चैटजीपीटी और गूगल बार्ड जैसे AI लैंग्वेज मॉडल की जांच पर केंद्रित है. वह एडवांस्ड रिसर्च एंड इंवेंशन एजेंसी (एरिया) के अध्यक्ष भी हैं।
एआई प्रोड्यूसर्स को वैश्विक स्तर पर रेगुलेट करने की जरूरत है
एक इंटरव्यू के दौरान क्लिफोर्ड ने कहा कि AI में साइबर और बायलोजिकल वेपन बनाने की क्षमता है जोकि कई मौतों का कारण बन सकता है। उन्होंने आगाह किया है कि एआई प्रोड्यूसर्स को वैश्विक स्तर पर रेगुलेट करने की जरूरत है और अगर ऐसा नहीं होता है तो ये बेहद पावर सिस्टम हो सकता है जिन्हें कंट्रोल करने के लिए लोग संघर्ष कर सकते हैं।
क्लिफोर्ड ने बताया कि उन्हें लगता है कि एआई के साथ बहुत सारे तमाम तरह के जोखिम हैं और अक्सर इंडस्ट्री में लोग निकट-अवधि और दीर्घकालिक जोखिमों के बारे में बात करते हैं और निकट-अवधि के जोखिम वास्तव में बहुत डरावने होते हैं। आज एआई का इस्तेमाल बायोवेपन को बनाने या बड़े पैमाने पर साइबर हमले शुरू करने के लिए किया जा सकता है। ये बुरी चीजें हैं।
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दर्जनों विशेषज्ञों के लिखे एक पत्र के जवाब में क्लिफोर्ड की टिप्पणी आई है। उनसे पूछा गया है कि कितने फीसदी एआई की ओर से लोगों का सफाया किया जा सकता है, इस पर क्लिफोर्ड का कहना है कि ये स्थिति जीरो तो नहीं है। अगर हम आर्टिफिशिय इंटेलीजेंस बनाने की कोशिश करते हैं जो इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान है और हम नहीं जानते कि इसे कैसे कंट्रोल किया जाए। फिलहाल ये अभी और भविष्य में सभी तरह के जोखिमों की संभावना पैदा करने वाला है।