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पापी पाकिस्तानियों पर भारी पड़ा ईद का त्योहार! बकरीद पर मीट खाना भी मयस्सर नहीं

पाकिस्तान में महंगा हुआ चिकन

पाकिस्तान (Pakistan) आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। आलम यह है कि पाकिस्तान में ईद उल अजहा से पहले चिकन की कीमतें बढ़ गई हैं। यह असामान्य है क्योंकि आमतौर पर त्योहार के दौरान कम मांग के चलते इसकी कीमतें कम हो जाती हैं। पाकिस्तान पोल्ट्री एसोसिएशन (पीपीए) के सेंट्रल चेयरमैन चौधरी मोहम्मद अशरफ ने बुधवार को कहा, ‘मेरे 35 साल के अनुभव में, यह पहली बार है जब ईद उल अजहा से पहले चिकन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।’ इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में पहले से खाने-पीने की चीजें के दाम आसमान छू रहे हैं।

पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार, जिंदा मुर्गे की कीमत 560 रुपये प्रति किग्रा और साफ गोश्त की कीमत 820-850 रुपये तक पहुंच गई है। बोनलेस चिकन की कीमतें 1,400 रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गई हैं जो बीफ से भी महंगा है जिसकी कीमत 1,100-1,200 रुपये है। अशरफ ने कहा कि एसोसिएशन ने छह महीने पहले ही चारे की कमी और ऊंची कीमतों के कारण गंभीर पोल्ट्री संकट की चेतावनी दी थी।

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चिकन के दाम क्यों?

यह संकट सोयाबीन के आयात पर प्रतिबंध के कारण पैदा हुआ है। पोल्ट्री फीड बनाने के लिए आवश्यक विटामिन और अमीनो एसिड जैसी चीजों के आयात पर प्रतिबंध लगाने से यह संकट और अधिक गंभीर हो गया। उन्होंने कहा, ‘आज पोल्ट्री इंडस्ट्री को चारा बनाने के लिए महत्वपूर्ण सोयाबीन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री को अफ्रीका से अपनी जरूरत का सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत ही मिल रहा है। कुछ अवैध माध्यमों से यह अफगानिस्तान से भी आ रहा है लेकिन इसकी क्वालिटी बहुत खराब है।’