पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक हालत काफी समय से ठीक नहीं है। देश लगातार कंगाली की ओर बढ़ रहा है। जिस रफ्तार से यहां एक के बाद एक चीजों की कमी आती जा रही है और महंगाई बढ़ती जा रही है उसे देखकर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान सरकार ने अगर को ठोस कदम नहीं उठाया तो बहुत जल्द ही यहां भी श्रीलंका वाली स्थिति देखने को मिल सकती है। पाकिस्तान को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। अब देश में बिजली संकट की समस्या पैदा हो गई है। खबर है कि पाकिस्तान का शहर कराची जो देश की आर्थिक राजधानी है और जिसे भारत के मुंबई के बराबर रखा जाता है, जल्द ही अंधेरे में डूब जाएगा। बताया जा रहा है अगर सरकार की तरफ से जल्द ही सब्सिडी अदा नहीं की गई तो फिर शहर पर मुसीबत आ सकती है।
भुगतान संकट बोझ बढ़ा
देश के ऊर्जा सचिव की तरफ से लोक लेखा समिति (पीएसी) की एक मीटिंग के दौरान बताया गया है कि संघीय सरकार टैरिफ अंतर को बनाए रखने के लिए के-इलेक्ट्रिक को 10 रुपए से 20 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी देती है। उनका कहना था कि के-इलेक्ट्रिक को तुरंत अपने टैरिफ अंतर सब्सिडी का भुगतान करना होगा। सचिव ने समिति को बताया कि सरकार ने के-इलेक्ट्रिक को 150 अरब रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया था। सचिव ने कहा कि समिति की अध्यक्षता पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शाहिद खाकान अब्बासी की करते हैं। समिति इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है और उम्मीद है कि जून के अंत तक इसे सुलझा लिया जाएगा।
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लू के बीच कट जाएगी बिजली
देश में लू के तेज होने के साथ ही साथ बिजली की कटौती को दो घंटे के लिए बढ़ाया जाएगा। सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी (सीपीपीए) के अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्हें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को 16 अरब रुपए का भुगतान करना है। उन्होंने कहा कि चूंकि वे वितरण कंपनियों से अपना बकाया वसूल करने में असमर्थ हैं, इसलिए वे आईपीपी का भुगतान भी नहीं कर सकते हैं।