North Korea-Russia Relation: दुनिया में इस वक्त यह कहना कि सबकुछ ठीक है सही नहीं होगा। क्योंकि, कई ऐसे देश हैं जिनके बीच युद्ध के हालात बढ़ते जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) थमने के बजाय और बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं इस बीच अब ऐसे खबर भी आ रही है कि यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस के हथियारों का खजाना लगभग खाली हो चुका है। यूक्रेन नाटो देशों से मिले हथियारों की बदौलत अब रूस के अंदरूनी इलाकों में हमला कर रहा है। यही नहीं रूस अपने हथियारों के जरिए यूक्रेन को पूरी तरह से तबाह करने की कोशिश में जुटा हुआ है। ऐसे में अपने खाली हथियारों के गोदाम को भरने के लिए रूस ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मदद मांगी है। इसके बदले में रूस ने उत्तर कोरिया को सस्ते में कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू की है। रूस और उत्तर कोरिया दोनों के साझा दुश्मन अमेरिका और नाटो है। कुलमिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि दोनों देशों ने कोरियाई युद्ध के खत्म होने के अवसर को आपसी मेलजोल बढ़ाने के मौके के तौर पर चुना है।
वर्तमान में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीबी समझे जाने वाले रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उत्तर कोरिया गए हैं। इसके अलावा चीन का भी एक भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय नीति निर्धारण समिति के वरिष्ठ सदस्य ली होंगजोंग के नेतृत्व में चीन पहुंचा है। कोरोना महामारी खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब उत्तर कोरिया ने किसी बाहरी व्यक्ति का अपने देश में स्वागत किया है।
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रूस-उत्तर कोरिया क्यों आ रहे करीब
जहां रूस एक तरफ गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है तो वहीं इस मामले में उत्तर कोरिया भी कोई पीछे नहीं है। ऐसे में किम जोंग उन ने अपने देश के खस्ताहाल खजाने को भरने के लिए नए तरीके खोजे हैं। सोवियत संघ की सहायता से उनके दादा और उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग ने सत्ता संभाली। इसके बाद से ही रूस और उत्तर कोरिया के संबंध प्रगाढ़ बने रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले महीने कहा था कि रूस ने 2020 के बाद पहली बार उत्तर कोरिया को फिर से तेल आपूर्ति शुरू कर दी है। यह पहले अनाज आपूर्ति फिर से शुरू होने के बाद किया गया है।
उत्तर कोरिया रूस की कर रहा मदद
इस दौरान अब अमेरिका और बाकी विश्लेषकों का दावा है कि उत्तर कोरिया के पास हथियारों का विशाल भंडार है। ऐसे में उत्तर कोरिया अपनी अलग-थलग पड़ी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए रूस की सहायता कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर कोरिया रूस को हथियारों की सप्लाई कर रहा है और इसके बदले में उसे रूस से तेल और अनाज मिल रहा है।