Blast In Pakistan: ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत में रविवार को जमीयत उलेमा इस्लाम-फ़ज़ल (जेयूआई-एफ) कार्यकर्ता सम्मेलन में एक बड़े विस्फोट में कम से कम 44 लोग मारे गये और 150 से अधिक घायल हो गये। यह विस्फोट अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे खार, बाजौर शहर में लगभग 400 जेयूआई-एफ़ कार्यकर्ताओं की एक सभा में हुआ।
पाकिस्तानी अख़बार डॉन की रिपोर्ट है कि विस्फोट स्थल की फुटेज में एंबुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाती दिख रही हैं। बाद में पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी. प्रांतीय कार्यवाहक सूचना मंत्री फ़िरोज़ शाह ने कहा कि बाजौर और आसपास के इलाक़ों के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इस विस्फोट में कथित तौर पर ख़ार तहसील में जेयूआई-एफ़ के अमीर मौलाना जियाउल्लाह जान भी मारे गये।
Pakistan🚨 Warning – Graphic Visuals ⚠️
Over 35 people were killed and over 75 injured in a suspected suicide bombing at a JUI-F convention in Khar, Bajaur, Pakistan. pic.twitter.com/CbfbwS1Wkl
— OSINT Updates 🚨 (@OsintUpdates) July 30, 2023
बाजौर ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. फ़ैसल कमाल ने कहा कि 150 से अधिक घायल लोगों को बाजौर ज़िला मुख्यालय अस्पताल लाया गया था। पाकिस्तानी सेना ने गंभीर रूप से घायल 15 लोगों को हेलीकॉप्टर के ज़रिए पेशावर पहुंचाया।
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने जेयूआई-एफ़ प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर्रहमान और संचारमंत्री मौलाना असद महमूद से बात की। उन्होंने आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा सरकार से घटना की रिपोर्ट भी मांगी।
Bajaur Suicide Blast: Emergency imposed in CMH and LRH Peshawar.#Pakistan #Bajaur pic.twitter.com/XYKeq53zs8
— World Times (@WorldTimesWT) July 30, 2023
शरीफ़ ने कहा, ‘आतंकवादी पाकिस्तान के दुश्मन हैं और उन्हें ख़त्म कर दिया जायेगा।’ बाद में एक ट्वीट में शहबाज़ ने कहा: “ज़िम्मेदार लोगों की पहचान की जायेगी और उन्हें दंडित किया जायेगा। पाकिस्तानी राष्ट्र, क़ानून प्रवर्तन एजेंसियां और हमारे संरक्षक दुश्मन की ऐसी कायरतापूर्ण रणनीति को कभी सफल नहीं होने देंगे। मेरे सहित पूरा देश इस घटना में शहीद हुए लोगों के परिवारों के दुःख में बराबर का भागीदार है।”
अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के बाद काबुल में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के तुरंत बाद 2021 के अंत से पाकिस्तान हिंसा की चपेट में है। इस्लामाबाद ने आरोप लगाया है कि तहरीक़-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) तालिबान प्रशासन के मौन समर्थन से हिंसा का कारण बन रहा है। हालांकि, काबुल सरकार ने पाकिस्तान में इस हिंसा में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
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