प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी BRICS सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रिका के लिए रवाना हो गए हैं। PM Modi आज सुबह दो दिवसीय यात्रा पर दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गए हैं। दक्षिण अफ्रिका में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है,जिमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे। PM Modi दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22-24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर रहेंगे। 2019 के कोरोना के बाद वह पहली बार व्यक्तिगत रूप से इस बैठक में शामिल होंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 15वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रिका गए हैं। दक्षिण अफ्रिका के जोहान्सबर्ग में 15वें BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
दक्षिण अफ्रिका के जोहान्सबर्ग में आयोजित होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी वहां भाग लेने वाले नेताओं के संग द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। इस आयोजन में 45 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
क्या है शिखर सम्मेलन का एजेंडा?
बता दें कि वैश्विक संस्थानों के “पश्चिमी प्रभुत्व” से निपटने के लिए ग्लोबल साउथ में गहरा सहयोग एक प्रमुख चर्चा बिंदु है। ‘डी-डॉलरीकरण’ कुछ ब्रिक्स(BRICS) सदस्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार भुगतानों को व्यवस्थित करने के लिए एक नई मुद्रा पर जोर दे रहा है। भारत ने जुलाई में खुद को इस कदम से अलग कर लिया था।
BRICS देशों का विस्तान
ब्रिक्स सदस्य देश समूह के विस्तार को लेकर बंटे हुए हैं, जिसमें सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, मिस्र और इथियोपिया सहित 40 से अधिक इच्छुक उम्मीदवार शामिल हैं।
इस मुद्दे पर वर्तमान में शेरपाओं द्वारा चर्चा की जा रही है। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, “जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारा इरादा बेहद सकारात्मक है।” क्वात्रा ने आगे कहा, “चूंकि ब्रिक्स आम सहमति के सिद्धांत पर काम करता है, इसलिए सभी सदस्य देशों को इस बात पर पूरी सहमति होनी चाहिए कि वे ब्रिक्स का विस्तार कैसे चाहते हैं, उस विस्तार के मार्गदर्शक सिद्धांत क्या होने चाहिए और इस तरह के विस्तार के मानदंड क्या होंगे।”
ब्रिक्स सम्मेलन में भारत क्या चाहता है?
दरअसल,भारत चाहता है कि ब्रिक्स मौजूदा रूस-यूक्रेन युद्ध,कोविड-19 महामारी के बाद समसामयिक मुद्दों पर रचनात्मक रुख और ब्रिक्स को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की अवधारणा का पालन करना चाहिए। साथ ही भारत का कहना है कि ब्रिक्स सीमा पार आतंक का मुकाबला करने और आतंक के वित्तपोषण से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाए।
क्या पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बात होगी?
15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना है। ऐसी अटकलें हैं कि मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत होगी लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पिछले हफ्ते, भारतीय और चीनी सेना के कमांडर अपने एलएसी गतिरोध को कम करने की दिशा में तेजी से काम करने पर सहमत हुए हैं।
आखिर क्या है BRICS शिखर सम्मेलन ?
ब्रिक्स दुनिया की 5 उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है, इस संगठन में ब्राजिल,रूस,इंडिया,चीन और साउथ अफ्रिका है। दरअसल ब्रिक्स सदस्य देश अपने क्षेत्रीय मसलों पर बातचीत करते हैं और उसका समाधान चाहते हैं। इस सम्मेलन की अध्यक्षता सदस्य देशों की ओर से की जाती है।
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