चंद्रयान से टक्कर लेने के लिए China नया रोवर बना रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि चीन अपने इस नए रोवर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का प्लानिंग कर रहा है। चीन चंद्रमा से जुड़े कई प्रमुख मिशन प्लान कर चुका है।
बता दें कि अगले एक दशक में China चांद से जुड़े कई मिशन चलाने वाला है।भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होने वाला है। चीन ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के लिए साल 2026 में एक मिशन प्लान किया है, जिसका नाम चांग’ई-7 है।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कुछ ही घंटो में लैंड करने वाला है, भारत का यह मिशन सफल हो जाता है कि वह ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। लेकिन चांद को लेकर भारत ही नहीं, दुनिया की तमाम स्पेस एजेंसियां मिशन चला रही है।
चांद को लेकर दुनियाभर में चलाए जा रहे मिशन में China भी पीछे नहीं है। चीन भी चांद पर भेजने के लिए एक नया रोवर बना रहा है। यह रोवर चीन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजेगा।
2026 में चांग’ई-7 मिशन के जरिए चीन ऐसा करना चाहता है। चीन के चांग’ई-7 मिशन को इसी साल मंजूरी दी गई थी, जिसके तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव और दूर के हिस्सों को एक्सप्लोर किया जाएगा।
इस मिशन में एक ऑर्बिटर, लैंडर, रोवर और एक छोटा उड़ने वाला डिटेक्टर शामिल होगा, जो पानी के रूप में बर्फ के सबूत की तलाश में छायादार क्रेटरों में जा सकता है। इसके अलावा इस मिशन में एक कम्युनिकेशन रिले सैटेलाइट भी होगा।
China का यह रोवर पहले भेजे गए मिशन चांग ई-3 (2013) और चांग ई-4 (2019) के युतु और युतु-2 रोवर्स की तरह होगा। हालांकि इनमें काफी भिन्नता होगी। चांग’ई 7 के उप मुख्य डिजाइनर तांग युहुआ ने कहा कि रोवर, ‘चांग’ई 4 की तुलना में थोड़ा बड़ा होगा।’
नया रोवर कैसा होगा?
मिशन से जुड़े तांग ने आगे कहा, ‘चांग’ई 7 का रोवर विभिन्न उपकरणों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और इसकी संरचना लगभग समान है। यह अधिक समझदार है। मूल रोवर में पृथ्वी से ज्यादा हस्तक्षेप होता था। लेकिन यह अपना रास्ता खुद बनाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘ युतु-2 रोवर की तरह इसमें एक पैनोरमिक कैमरा और एक ग्राउंड पेनिट्रेडिंग रडार लगा होगा। चांग’ई 7 मिशन के तहत चीन यूएई का एक छोटा रोवर चांद पर अपने साथ ले जाएगा।
नया रोवर लाएगा चांद के नमूने
China का नया रोवर चांग’ई 7 से पहले चीन चांग’ई 6 मिशन लॉन्च करेगा जो 2024 के अंत में चंद्रमा के दूर के हिस्से से दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन के भीतर नमूने एकत्र करके धरती पर वापस लाएगा।
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