जी-20 सम्मेलन से दूरी बना रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) इस साल अक्टूबर के महीने में चीन का दौरा करने वाले हैं। जी हां, एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन अक्टूबर में बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए चीन का दौरा करेंगे। युद्ध अपराधों में वारंट जारी होने के बाद यह पुतिन की पहली यात्रा होगी। हालांकि क्रेमलिन ने पुतिन ने पर लगे युद्ध अपराधों को मानने से इनकार कर दिया है। मॉस्को में पुतिन की इस यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। बताया जा रहा है कि पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर चीन जा रहे हैं।
पुतिन के खिलाफ वारंट
ब्लूमबर्ग के मुताबिक पुतिन उन देशों में जाने के लिए तैयार हैं जहां उनकी सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित है। चीन उन कुछ देशों में शामिल है। क्रेमलिन के विदेश नीति के सलाहकार यूरी उशकोव ने जुलाई में कहा था कि पुतिन बीआरआई फोरम के लिए चीन की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। जबकि सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पाटरुशेव ने कहा था कि चीन ने रूसी नेता को ‘मुख्य अतिथि’ के तौर पर इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। मार्च 2023 में, हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए वारंट जारी किया।
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भारत क्यों नहीं आ रहे है?
28 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की फोन पर बात हुई है इस दौरान उन्होंने ‘व्यस्त कार्यक्रम’ का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि उनका सारा ध्यान यूक्रेन में जारी ‘विशेष सैन्य अभियान’ पर है। इस वजह से वह सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके। भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन को यूक्रेन युद्ध पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मंच के रूप में उभरने का पुरजोर विरोध किया है।
यूक्रेन जंग से पहले भी गए थे चीन
भारत में जी-20 सम्मेलन के दौरान रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करने वाले हैं। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से पुतिन सिर्फ कुछ पड़ोसी देशों और ईरान के ही दौरे पर गए हैं। पुतिन ने आखिरी बार साल 2022 में चीन का दौरा किया था और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ठीक पहले किया था।