मोस्ट वांटेड आतंकवादी Hafiz Saeed का इन दिनों रो-रो कर बुरा हाल है,क्योंकि उसकी मदद न तो ISI कर पा रहा है,न ही उसे पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई मुक्कमल सहायता मिल पा रही है। दरअसल,हाफिज सईद का बेटा कमालुद्दीन कुछ दिनों से लापता है जिसकी सुराग ISI के पास भी नहीं है।
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड Hafiz Saeed के बेटे का कुछ दिनों से कोई अता-पता नहीं है। हाफिज सईद के बेटे कमालुद्दीन के बारे में कोई भी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। बाप की तरह बेटा भी मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी है।
सदमे में हाफिज सईद
भारत को 26/11 यानी मुंबई हमलों जैसा दर्द देने वाला आतंकी हाफिज(Hafiz Saeed) सईद इन दिनों अपने बेटे के बारे में अच्छी खबर सुनने को बेचैन है। बताया जा रहा है कि उसका बेटा कमालुद्दीन सईद 26 सितंबर से गायब है और कुछ पता नहीं चल रहा है। कहा जा रहा है कि पेशावर में उसे आखिरी बार देखा गया था। सूत्रों के मुताबिक कमालुद्दीन को कुछ बदमाशों ने एक कार में अगवा कर कहीं चले गए हैं। पाकिस्तान के कई सीनियर पत्रकारों ने दावा किया है कि इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई भी उसका पता नहीं लगा पाई है।
आखिर कहां है कमालुद्दीन?
सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि कमालुद्दीन को कुछ लोग कार में लेकर कहीं चले गए हैं। उसकी गुमशुदगी की खबर से आईएसआई में हड़कंप मच गया है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बेटे के गायब होने के बाद से बाप हाफिज सईद का भी बुरा हाल है। वह बस रोए जा रहा है।
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमालुउद्दीन को तीन लोग अपने साथ लेकर गए हैं। जून 2021 में हाफिज के लाहौर के जौहर शहर में स्थित घर के बाहर एक ब्लास्ट हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। मार्च, 2023 में पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने लाहौर में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
पाकिस्तान के जेल में बंद हाफिज
पाकिस्तानी नागरिक हाफिज सईद इस समय पाकिस्तान की जेल में बंद है। हाफिज पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा सरगना है। लश्कर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के साथ साथ भारत, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने एक आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।
हाफिज सईद मोस्ट वॉन्टेड आतंकी की लिस्ट में शामिल है। सईद पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। वह जुलाई 2019 से ही पाकिस्तान की जेल में बंद है। सईद एक और आतंकी संगठन को चलाता है जिसे जमात-उद-दावा के नाम से जाना जाता है।
एक-एक कर ठिकाने लगते आतंकी
आईएसआई एक के बाद एक लश्कर के आतंकियों पर आती मुसीबतों से परेशान है। हाल ही में कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर स्थित एक पार्क में मौलवी मौलाना जियाउर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। रहमान की हत्या दो मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने की। उन्होंने रहमान पर कई राउंड गोलियां बरसाई। रहमान लश्कर का ही एक ऑपरेटिव था। उसकी हत्या खालिस्तान कमांडो फोर्स के मुखिया परमजीत सिंह पंजवार की तर्ज पर ही हुई। कुछ दिनों पहले पीओके में भी लश्कर के एक आतंकी अबु कासिम को ढेर कर दिया गया था।
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