Hindi News

indianarrative

भारत-इजरायल की दोस्ती के 30 साल पूरे होने पर प्रमिला, सुलोचना और नादिरा की आई याद, देखें कौन हैं

भारत-इजराइल की दोस्ती के 30 साल पूरा

भारत का हर एक कदम दुनिया के लिए महत्व रखती है। भारत क्या बोलता है या क्या करता है हर एक चीज मायने रखती है। वजह यह है कि आज दुनिया के बड़े से बड़े देश भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की नजरों में आज देश को काफी ऊपर पहुंचा दिया है। यही वजह है इजराइल के प्रधानमंत्री मौका मिलते ही पीएम मोदी से अपनी दोस्ती का इजहार करना नहीं भूलते। इजरायल और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों के 30 साल पूरा होने पर वो भारत दौरा करने वाले थे लेकिन, किसी वजह से वो नहीं आ सके। कुछ दिनों पहले वो भारत दौरे पर आने वाले थे लेकिन, एक दिन पहले ही उन्हें कोरोना हो गया। अब भारत और इजराइल के कूटनीतिक संबंधों के 30 साल पूरा होने पर इजराइल के दूतावास में जश्न मनाया गया।

इजरायली दूतावास के सांस्कृतिक विभाग ने इस दौरान वॉल आर्ट प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के साथ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 30 साल पूरे होने पर दिल्ली के कनॉट प्लेस में भारतीय-यहूदी अभिनेत्रियों प्रमिला, नादिरा और सुलोचना के हिंदी सिनेमा में योगदान को लेकर उन्हें याद किया गया। इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रमिला, नादिरा और सुलोचना के स्ट्रीट-आर्ट म्यूरल का अनावरण किया। स्ट्रीट-आर्ट म्यूरल के जरिए इन अभिनेत्रियों को श्रद्धांजलि दी गई। एस्तेर विक्टोरिया अब्राहम उर्फ प्रमिला आजाद भारत की पहली मिस इंडिया थीं। प्रमिला ने लगभग 30 हिंदी फिल्मों में काम किया था। वह हिंदी सिनेमा की पहली महिला प्रोडयूसर भी थीं। उन्होंने अपने पति के साथ प्रोडक्शन हाउस सिल्वर फिल्म्स की स्थापना की। प्रमिला ने अन्य महिलाओं को भी फिल्मों में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अपरने जामने में सुलोचना बेमिसाल खूबसूरती की मल्लिका थीं। वो बगदादी-यहुदी परिवार से थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1925 में आई फिल्म वीर बाला से की। उन्होंने टाइपिस्ट गर्ल, बलिदान, सिनेमा क्वीन और बॉम्बे की वाइल्डकैट सहित कई फिल्मों में अभिनय किया। 1973 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। वो नादिरा बगदाद-यहूदी परिवार में जन्मी थीं। उनका असली नाम फ्लोरेंस एजेकिल था। नादिरा को 50 और 60 के दशक में श्री 420, पाकीजा और जूली जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए याद किया जाता है। 1952 में आई फिल्म 'आन' में साथ नादिरा ने मुख्य किरदार निभाया था। आन फिल्म के लिए उन्हें 1200 रुपये महीना मिले थे।