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बर्बादी की कगार पर ड्रैगन? China की धीमी विकास दर, बेरोजगारी और कम विदेशी निवेश अच्छे संकेत नहीं।

बर्बादी की कगार पर China?

China की अर्थव्यवस्था इस समय बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले 6 महीने की बात अगर करें तो जो आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं,वो अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। और ये सिलसिला लगातार जारी है। चीन में जहां धीमी विकास दर दर्ज की जा रही है,वहीं युवाओं की रेकॉर्ड बेरोजगारी, कम होते विदेशी निवेश कुछ इसी तरह के संकेत दे रहे हैं।

China का विकास दर जहां धीमी चल रही है,और युवाओं को रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं वहीं कमजोर निर्यात जैसी कई समस्याओं का सामना ड्रैगन कर रहा है। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन में बढ़ते असंतोष की आशंका जताते हुए उसकी अर्थव्यवस्था के भविष्य को खतरनाक करार दिया था।

China में महंगाई के आंकड़े बताते हैं कि वहां जुलाई महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पिछले साल के मुकाबले 0.3 फीसदी नीचे दर्ज किया गया। इससे पहले इसतरह की गिरावट 2021 के फरवरी में देखी गई थी।

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक चीजों के दाम सामान्य स्तर से घटे-बढ़ें तो इकॉनमी को इसका फायदा मिलता है। लेकिन दाम अगर बहुत तेजी से बढ़ने या घटने लगें तो इकॉनमी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। China में फिलहाल यही हो रहा है,वहां चीजों के दाम तेजी से बढ़ने घटने लगे हैं।

चीनी रियल एस्टेट संकट में

चीन की आर्थिक समस्याओं के सेंटर में उसका प्रॉपर्टी मार्केट है। चीनी रियल एस्टेट कंपनियों पर दोहरी मार पड़ रही है। मांग नहीं होने की वजह से घर बिक नहीं रहे, तो कमाई नहीं हो पा रही है। अमेरिका में 2008 में आए संकट को देखते हुए चीन की सरकार ने डेवलपर्स के कर्ज लेने की क्षमता सीमित कर दी। इसका असर ये हुआ कि उन्होंने जो अरबों डॉलर उधार लिए थे, उसे वो चुकता करने में नाकाम रहे।

निर्यात और आयात की भी स्थिति ठीक नहीं

चीन में रियल एस्टेट के अलावा आयात-निर्यात के आंकड़े भी चौंकाने वाला है,यानी आयात-निर्यात के आंकड़े ठीक नहीं हैं। पिछले कुछ महीने में आयात निर्यात में काफी गिरावट दर्ज की गई है। China के निर्यात में सालाना आधार पर 14.5 फीसदी कमी आई है।

युवाओं में बढ़ रही है बोरेजगारी

चीन में युवाओं की बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है। चीन में लाखों स्नातक रोज़गार की तलाश कर रहे हैं और शहरी क्षेत्रों में ‘व्हाइट कॉलर जॉब’ ढूंढ़ने की मशक्कत में जुटे हैं। जुलाई 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 16 साल से 25 साल के बीच के 21.3 प्रतिशत युवा काम की तलाश में जुटे हैं।

क्यों हुआ चीन का ये हाल?

चीनी अर्थव्यवस्था खराब होने के पीछे की मुख्य वजह मांग में कमी है। चीन ने कोविड-19 से निपटने के लिए बेहद सख्त पॉलिसी लागू की थी। इसका नतीजा ये हुआ कि ब़ड़ी संख्या में कारोबार बंद हुए, नौकरियां गईं। आर्थिक तरक्की की रफ्तार सुस्त हो गई। हालात यहां तक पहुंच गई की इसके चलते कई विदेशी कंपनियां अब चीन छोड़कर दूसरे देशों में फैक्ट्री लगा रही हैं।

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