केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनता के हित में काम कर रही है। इस वक्त भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर एक चीजों के दामों पर लगाम लगा हुआ है। चाहे खाने का तेल हो, गेहूं हो, दाल हो या पेट्रोल-डीजल। हर चीजों के दामों पर लगाम लगा हुआ है। दूसरे देशों में तो आलम यह है कि वहां पर पेट्रोल 270 रुपये तक पहुंच गया है। भारत में सरकार काफी हद तक महंगाई पर लगाम लगाए हुए है। लेकिन, विपक्षी जनता को भड़काने का काम कर रहा है। अभी हाल ही में सरकार तेल की कीमतों में 30 रुपये तक की कटौती की थी। अब एक बार फिर से खाने के तेल के दामों में 10 रुपये की कटौती की जा सकती है।
सरकार ने इस संबंध में कंपनियों से विचार करने को कहा है। खाद्य सचिव ने बृहस्पतिवार को तेल कंपनियों के साथ बैठक की थी। इसमें हर लीटर पर कम से कम 10 रुपये कीमत घटाने की बात कही गई है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि हाल में तेलों की कीमतें 30 रुपये लीटर तक घटी थीं। सरकार अगर फिर से खाद्य तेलों का दाम घटाने में सफल रहती है तो त्योहारी सीजन में भी इसका फायदा लोगों को मिलेगा।
बता दें कि, खाने वाले तेल की कीमतें अभी भी 150 रुपये से ऊपर ही हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, मूंगफली तेल का भाव अभी 187.55 रुपये लीटर है। एक महीने पहले भी यह 187.88 रुपये लीटर था। सरसों का तेल 173.9 रुपये लीटर है जो एक महीने पहले 178.32 रुपये था। वनस्पति तेल का भाव 155.2 रुपये है। एक महीने पहले 163 रुपये था। वहीं, सोया तेल की कीमत एक महीने में 10 रुपये घटी है। यह 165.5 रुपये से घटकर 157.84 रुपये लीटर पर आ गया है। सूरजमुखी तेल का भाव इसी दौरान 186 से घटकर 171 रुपये लीटर हो गया है। इस समय विदेशी बाजारों में तेल की कीमतें कम हैं। ऐसे में भारत में भी घटाने की मांग हो रही है।