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चोर निकलीं China की मोबाइल फोन कंपनियां- भारत सरकार ने लिया सख्त एक्शन, बौखला उठेगा ड्रैगन

भारत ने चीन को दिया करारा झटका,

चीन का इस वक्त सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के साथ विवाद चल रहा है। दरअसल, चीन दूसरों की सीमाओं में घुसने के लिए प्रख्यात है अब उसे इसी के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। गलवान वैली में भारत ने जो सबक सिखाया उसे पूरी दुनिया ने देखा। अब ताइवान को लेकर ऐसा लगता है कि, अमेरिका और चीन के बीच जंग शुरू हो जाएगी। क्योंकि, एक ओर चीन की सेना भारी अभ्यास और अमेरिका को धमकी दे रही हैं। तो दूसरी ओर ताइवान की सीमा पर अमेरिका ने भी अपने एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट और परमाणु बमों वाले जेट की तैनाती कर दी है। इन सब के बीच भारत ने ड्रैगन को एक बार फिर से करारा झटका दिया है।

दरअसल, भारत में पिछले काफी समय से चीनी कंपनियों को लेकर कार्यवाई की जा रही है। चीनी कंपनियां यहां अवैध रूप से कई चीजों में शामिल पाई गई हैं। कई चीनी कंपनी जासूसी कर रही हैं तो कई पैसों का हेर फेर। भारत सरकार ने टैक्स चोरी मामले में चीन की तीन मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार चीन की तीन मोबाइल कंपनियों पर लगे टैक्स चोरी के आरोपों पर नजर बनाए हुए है। वित्त मंत्री ने ये बातें राज्यसभा में सवालों का जवाब देने के दौरान कही है।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि चीन की ये तीन कंपनियां ओप्पो, वीवो इंडिया और शाओमी हैं। उन्होंने कहा, डीआरआई (Department of Revenue Intelligence) ने चीन की कंपनी ओप्पो को 4389 करोड़ रुपये के कस्टम ड्यूटी के संबंध में नोटिस जारी किया गया है। यह मामला देश में आयात की गई कुछ वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाने और सरकार को गलत जानकारी देने से जुड़ा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हमारा मानना है कि इस मामले में करीब 2981 करोड़ रुपये की ड्यूटी चोरी की गई है। उन्होंने कहा कि, चीन की दूसरी मोबाइल निर्माता कंपनी शाओमी को 653 करोड़ रुपये की ड्यूटी की देनदारी के सिलसिले में तीन नोटिस जारी किया गया है। कपंनी ने अपनी कुल ड्यूटी की देनदारी में सिर्फ 48 लाख रुपये जमा कराए हैं। तीसरी कंपनी वीवो इंडिया है। कंपनी से 2217 करोड़ रुपये की टैक्स ड्यूटी भुगतान के संबंध में जवाब मांगा गया है, जिसमें उन्होंने सिर्फ 60 करोड़ रुपये जमा कराए हैं।

इसके आगे वित्तमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि, सरकार संदिग्ध डिजिटल लोन एप्स पर भी कार्रवाई कर रही है। इनमें वे एप्स भी शामिल हैं जो देश के बाहर से संचालित किए जाते हैं। हम देश में उन एप्स को चलाने वालों की मदद करने वाले भारतीयों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं। ज्यादातर संदिग्ध डिजिटल लोन एप्स चीन की कंपनियों के सहयोग से चल रहे हैं जो लोन बांटने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन का पालन नहीं करते है।