रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ने लगा है। इस वक्त कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी है और आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर से बढ़ोतरी होते देखा जा सकता है। फिलहाल भारत में पिछले 4 महीने से तेल की कीमतों में स्थिरता का दौर जारी है और माना जा रहा है कि अगले हफ्ते यह दौर खत्म हो सकता है। खबरों की माने तो विधानसभा चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल डीजल की कीमतें धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो जाएंगी। इस वक्त की बात करें तो क्रूड ऑयल के दामों में आग लग गई है और ये तेजी से उपर भाग रहे हैं।
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत एक दशक के शिखर पर जा पहुंची। जी हां, तीन फीसदी से ज्यादा की तेजी लेते हुए इसका भाव 117 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गौरतलब है कि ब्रेंट क्रूड के दाम में उबाल से भारतीयों की चिंता बढ़ गई है। एक रिपोर्ट की माने तो ओपेक प्लस देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन न बढ़ाने का फैसला किया है। यही वजह है कि कच्चे तेल की कीतमों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। गुरुवार को जहां ब्रेंट क्रूड का दाम बढ़कर 117 डॉलर पर पहुंचा, वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 2.67 फीसदी की तेजी लेते हुए 113.6 डॉलर प्रति बैरल हो गई। ब्रेंट क्रूड का भाव 2011 के बाद सबसे ज्यादा है।
साल 2022 की शुरुआत से ही कच्चे तेल की कीमतें रॉकेट की तरह भाग रही हैं। बीते चार महीनों के दौरान इसमें लगातार तेजी आई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसंबर में ब्रेंट क्रूड का भाव 10.22 फीसदी, जनवरी में 17 फीसदी, फरवरी में 10.7 फीसदी और मार्च में अब तक 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है।
बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों का अशर भारत पर दिखाई देने वाला है। फिलहाल पिथले 4 महीने से तेल की कीतमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन, अब बहुत जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दाम तेजी से उपर जाने वाले हैं। कहा जा रहा है कि भारत में चुनाव खत्म होने ही तेल के दामों में वृद्धि हो जाएगी। यानी 10 मार्च के बाद से तेल की कीमतों में उछाल आएगा। माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल पर 9 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो सकती है।