Hindi News

indianarrative

सस्ते तेल के लिए हो जाएं तैयार, फिर घटने वाला है Petrol-Diesel का रेट

Petrol-diesel Price will be Cut

Petrol-diesel will be cheaper: आने वाले दिनों में आम जनता को एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-diesel will be cheaper) को लेकर बड़ी राहत मिलने वाली है। कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में आई भारी गिरावट के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि, देश में जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम (Petrol-diesel will be cheaper) करने का फैसला लिया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल का भाव जनवरी के बाद सबसे कम हो गया है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को 2.6 डॉलर/बैरल या 3% से अधिक गिरकर 80.97 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट से ‘भारतीय बास्केट’ की लागत (भारतीय रिफाइनरों द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल) मार्च के औसत 112.8 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 82 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ गया है। ये पेट्रोल कंपनियों (Petrol-diesel will be cheaper) की लागत में बड़ी गिरावट आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि, जनता को एक बार फिर से जल्द ही राहत मिलने वाली है।

यह भी पढ़ें- सस्ता होगा तेल! Petrol-Diesel को GST के दायरे में लाने के लिये सरकार तैयार

इतने रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल
एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो, भारतीय बास्केट में ब्रेंट क्रूड का भाव 30 डॉलर प्रति बैरल सस्ता हो गया है। ऐसे में सरकार पेट्रोल की कीमत पर 6 रुपये की कटौती कर सकती है। डीजल पर भी 5 रुपये कटौती का फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि, सरकार के स्वामित्य वाले पेट्रोलियम कंपनियों ने 6 अप्रैल से कीमतों में कमी नहीं की है। इस साल 22 मई को उत्पाद शुल्क में कटौकी के बाद फ्यूल की कीमतों में गिरावट आई थी। इसके बाद से तेल के दाम स्थिर हैं। न तो इसे बढ़ाया गया है और न ही घटाया गया है। अप्रैल के पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। इस वक्त राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो, यहां पर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर।

यह भी पढ़ें- Russia के झटके से यूरोप संग हिला चीन, IMF ने कहा- आने वाला है मंदी का दौर

लगातार गिर रहा कच्चे तेल का दाम
बता दें कि, रूस और यूक्रेन जंग के बाद से ही दुनिया में कई चीजों के दाम बढ़ गये हैं। कई देशों में जल्द ही मंदी का दौर शुरू होने वाला है। चीर से लेकर यूरोपीय देशों में इस बार फ्यूल की मांग ठंड में कम रहने की आशंका है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में जारी गिरावट के चलते ब्याज दरों में इजाफा और चीन में हुए लॉकडाउन का इसपर असर देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले समय में भी माना जा रहा है कि, कच्चे तेल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। जिसके बाद ये अनुमान लगाया जाने लगा है कि, भारत सरकार जल्द ही जनता को बड़ी राहत दे सकती है।