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दुनिया में भारत का डंका, सेवा सूचकांक में चीन से कहीं आगे भारत

भारत के आर्थिक सुधार पर सबकी निगाहें

भारत ने विनिर्माण और सेवा, दोनों ही क्षेत्रों में ज़बरदस्त तरक़्क़ी को दर्ज करते हुए नए वित्तीय वर्ष की सकारात्मक शुरुआत की है। S&P परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के साथ ही मार्च में सेवा क्षेत्र के लिए यह सूचकांक 57.8 से बढ़कर अप्रैल में 62 हो गया, अब इस लिहाज़ से भारत वैश्विक मानचित्र पर शीर्ष स्थान पर है। जून 2010 के बाद से भारत के लिए यह स्थान सबसे अधिक है। अपने सूचकांक स्थिति में आयी गिरावट के साथ ही चीन चौथे स्थान पर चला गया है। अप्रैल में चीन की सेवा पीएमआई मार्च के 57.8 की तुलना में धीमी होकर 56.4 पर आ गयी है।

सेवा क्षेत्र, जिसमें परिवहन, हॉस्पिटलिटी, बैंकिंग, बीमा, संचार शामिल हैं, इनका भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। यह क्षेत्र स्वाभाविक रूप से रोजगार सृजन के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलीअन्ना डी लीमा ने कहा, “भारत के सेवा क्षेत्र ने अप्रैल में एक उल्लेखनीय प्रदर्शन दर्ज किया, जिसमें नये व्यवसाय और आउटपुट में केवल 13 वर्षों में सबसे मज़बूत वृद्धि को मदद मिली, दोनों ही उपायों के लिए सेक्टोरल ग्रोथ रैंकिंग में वित्त और बीमा सबसे अच्छी वृद्धि की है।”

भारत के संदर्भ में विनिर्माण पीएमआई भी मार्च में 56.4 से बढ़कर अप्रैल में 57.2 हो गया है। पीएमआई रीडिंग को एक महत्वपूर्ण डेटा बिंदु माना जाता है, जो विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र के संबंध में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम गतिविधियों पर पकड़ बनाये रखने के संबंध में आर्थिक गतिविधियों के मौजूदा रुझानों को दर्शाता है।

बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच सेवाओं और विनिर्माण में पीएमआई में आयी यह वृद्धि भारत के नीति निर्माताओं के लिए उत्साहजनक होगी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “इससे यह भी पता चलता है कि आर्थिक सुधार पटरी पर है। महत्वपूर्ण रूप से यह एक एसएंडपी रीडिंग है, इसलिए उम्मीद है कि कोई भी इसे एकतरफा नहीं क़रार दे सकता।”

वास्तव में ऐप्पल इंक के शीर्ष बॉस टिम कुक, जो कि पिछले महीने भारत में एक मुंबई और एक स्टोर नई दिल्ली में रिटेल स्टोर लॉन्च करने के लिए आए थे,उन्होंने कहा कि भारत इस कंपनी के लिए अहम है।

कुक ने विश्लेषकों से कहा, “मध्यम वर्ग में बहुत सारे लोग आ रहे हैं और मुझे वास्तव में लगता है कि भारत एक निर्णायक मोड़ पर है और बाज़ार में गतिशीलता, जीवंतता अविश्वसनीय है।”

चीन को जो चिंता हो सकती है, वह है मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई। कमज़ोर ऑर्डर के कारण मार्च में रीडिंग 50 से गिरकर 49.5 हो गयी थी।

50 से नीचे की रीडिंग दबाव को दर्शाता है।

इस बीच अप्रैल के लिए भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो अब तक का सबसे अधिक संग्रह है। मार्च में यह 1.60 लाख करोड़ रुपए था।