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एक नजर Cryptocurrency पर भी- भारी गिरावट के बाद 58 हजार डॉलर से नीचे खिसका बिटक्वॉइन

भारी गिरावट के बाद 58 हजार डॉलर से नीचे खिसका बिटक्वॉइन

इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी में लोग जमकर निवेश कर रहे हैं। कुछ सालों में दुनिया के साथ-साथ भारत में भी लोगों ने तेजी से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना शुरु कर दिया है। और जब क्रिप्टोकरेंसी की बात हो तो इसमें सबसे पहले नाम आता है बिटक्वॉइन का। बिटक्वॉइन की कीमतों में आज गिरावट दर्ज की गई है।

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मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन 2 फीसदी की गिरावट के साथ 57,172 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी। बिटक्वॉइन इस साल अप्रैल में 65,000 डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया था। इस साल अब तक बिटक्वॉइन की कीमतों में 97 फीसदी का उछाल देखा गया है। इसके साथ ही दुनिया की दूसरी सबस बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में भी 2.5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है जिसके बाद यह 3,739 डॉलर पर ट्रेड कर रही है।

वहीं, Cardano की कीमतें एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 2.15 डॉलर पर आ गई है। जबकि dogecoin की कीमतें 3 फीसदी से ज्यादा घटकर 0.22 डॉलर पर आ गईं। डिजिटल टॉकन की बात करें तो, XRP, Uniswap, Stellar, Binance Coin भी पिछले 24 घंटों में गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे।

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जानकारों की माने तो, बिटक्वॉइन इस महीने की शरुआत से ही निवेशकों को लुभा रहा था। 14 अक्टूबर को 58 हजार ड़ॉलर के आंकड़े को पार कर गया और यह ट्रेंड बढ़ रहा है, उसके मुताबिक, इसकी कीमतें 57,000 से 58,000 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद की जा सकती है। वहीं, पूर्वी एशिया की ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में हिस्सेदारी घटकर आधी हो गई है। Chainalysis की एक स्टडी के मुताबिक, इसकी वजह चीन द्वारा इस इंडस्ट्री पर पाबंदी है, इस क्षेत्र में जुलाई 2020 और जून 2021 के बीच 590.9 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी आई थी, जो उस अवधि में वैश्विक तौर पर एक्टिविटी की 14 फीसदी के बराबर रही थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि, इसकी तुलना में जुलाई 2019 और जून 2020 में 31 फीसदी रही है।