भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के दिवाली संबंधित वीडियो के बाद अब आमिर खान के एक विज्ञापन पर जमकर विवाद हो रहा हैं। ये विज्ञापन टायर कंपनी CEAT लिमिटेड का हैं, जिसमें आमिर खान लोगों से सड़कों पर पटाखे न चलाने की अपील कर रहे हैं। इसी अपील को लेकर लोगों में गुस्सा हैं। लोग आमिर खान और सीएट टायर को हिंदू विरोधी करार दे रहे हैं। मामला जानने से पहले आप पूरे विज्ञापन को एक बार देख लें..
वीडियो में आपने देखा, आमिर खान कहते नजर आ रहे हैं कि पटाखें सड़कों पर नहीं बल्कि सोसाइटी में जलाएंगे। इसी बात को लेकर लोग ने अमिर खान पर तंज कसा हैं। लोगों का कहना हैं जिस तरह सड़क पटाखे जलाने के लिए नहीं होती उसी तरह ये नमाज पढ़ने के लिए भी नहीं होती हैं। इस कड़ी में बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि कंपनी को 'नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध किए जाने और अजान के दौरान मस्जिदों से निकलने वाले शोर' से संबंधित समस्या का समाधान भी करना चाहिए।
Why does Aamir Khan, who gave the knowledge of not bursting crackers on the road, speak against Namaz on the road?#ShameonYouCeatTyres pic.twitter.com/PkOaG0hpPf
— ऋषि राजपूत 🇮🇳 (@srishirajIND) October 21, 2021
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हेगड़े ने कंपनी को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने कहा है कि आपकी कंपनी का हालिया विज्ञापन, जिसमें आमिर खान लोगों को सड़कों पर पटाखे नहीं चलाने की सलाह दे रहे हैं, एक बहुत अच्छा संदेश दे रहा है। सार्वजनिक मुद्दों पर आपकी चिंता के लिए सराहना किए जाने की जरूरत है। इस संबंध में, मैं आपसे सड़कों पर लोगों के सामने आने वाली एक और समस्या का समाधान करने का अनुरोध करता हूं… जिसमें कि शुक्रवार और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के दिन नमाज के नाम पर मुस्लिमों द्वारा सड़कें जाम कर दी जाती हैं।'
पत्र में आगे कहा गया- 'यह कई भारतीय शहरों में एक बहुत ही सामान्य दृश्य है जहां मुसलमान व्यस्त सड़कों को अवरुद्ध करते हैं और नमाज अदा करते हैं, उस समय एंबुलेंस और दमकल वाहनों जैसे वाहन भी यातायात में फंस जाते हैं, जिससे गंभीर क्षति होती है। कंपनी के विज्ञापनों में ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा भी उठाएं क्योंकि हमारे देश में मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर से अजान के समय बहुत अधिक शोर होता है। शुक्रवार को, इसे कुछ और समय के लिए बढ़ाया जाता है। इससे बीमारियों से पीड़ित लोगों और आराम करने वाले लोगों, विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों और कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए बड़ी असुविधा पैदा हो रही है।