बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा और सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) इंडस्ट्री की उन चुनिंदा एक्ट्रेसेस में से एक थीं, जिन्होंने 60-70 के दशक में बड़े पर्दे पर एक से बढ़कर एक बोल्ड सीन फिल्माए थे। शर्मिला टैगोर ने अब हाल ही में एक इंटरव्यू में 1967 की अपनी फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ (An Evening in Paris) में फिल्माए गए बिकिनी सीन को लेकर कई राज की बातें बताई हैं जिनसे काफी कम वाकिफ हैं कि शर्मिला की बिकिनी को लेकर देश की संसद में भी सवाल उठे थे। एक्ट्रेस ने बताया कि उनके बिकिनी पहनने के लेकर इंडस्ट्री समेत भारत की जनता भी काफी हैरान थी, उस समय संसद में भी इसके बारे में सवाल पूछे गए थे।
संसद में उठे सवाल
शर्मिला ने उस वक्त का किस्सा याद करते हुए बताया कि एक रात उन्होंने अपने ड्राइवर को घर के पास लगे फिल्म का एक पोस्टर हटाने के लिए कहा क्योंकि उनकी सास शहर आ रही थीं। फिल्म की रिलीज के बाद शर्मिला ने कहा कि उन्हें एहसास हुआ कि एक ग्लैमरस इमेज बहुत अच्छी होती है,लेकिन अगर उन्हें गंभीरता से लिया जाना है, तो उन्हें इससे कहीं ज्यादा ग्लैमरस होना होगा। उन्होंने कहा कि आराधना (1969) उस समय आई थी, और तभी से, उन्होंने ‘जानबूझकर अपनी स्क्रिप्ट’ चुननी शुरू कर दी।
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सास के डर से हटवा दिए पोस्टर
टाइम्स ऑफ इंडिया के एक इवेंट में अपनी फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ के बारे में लोगों का रिएक्शन बताते हुए शर्मिला ने कहा, ‘जब मैंने ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ की तो मेरा बिकनी सीन चौंकाने वाला था। इंडस्ट्री समेत जनता काफी हैरान थी, मेरा मानना है कि उस समय संसद में सवाल पूछे जाते थे। हालांकि आज हम जिस तरह की फिल्में देखते हैं, उसकी तुलना में मेरा सीन बहुत नॉर्मल लगता है। मुझे याद है कि सड़क पर फिल्म का एक पोस्टर लगा हुआ था, और मेरी सास शहर आ रही थीं, इसलिए मैंने अपने ड्राइवर को आधी रात उस पोस्टर को हटाने के लिए कहा। मुझे ये एहसास नहीं था कि पोस्टर तो एयरपोर्ट से लेकर घर तक पूरे रास्ते लगे हो सकते हैं।
दिग्गज अभीतरी आज भी फिल्मों में हैं एक्टिव
शर्मिला ने आगे बताया कि उन्होंने ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ और ‘आराधना’ के बाद ‘अमर प्रेम’ (1972), ‘अविष्कार’ (1974), ‘मौसम’ (1975) और ‘नमकीन’ (1982) जैसी फिल्में कीं, जिनका उनकी लाइफ पर भी असर पड़ा। वह खुद को ग्लैमर से परे ले जाने में कामयाब रहीं, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ‘ग्लैमर हमेशा के लिए नहीं होता’। शर्मिला टैगोर आज भी फिल्मों में एक्टिव हैं। हाल ही में उन्होंने ‘गुलमोहर’ से अपना ओटीटी (OTT) डेब्यू किया है।