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भारत की पहली AR एम्बुलेंस,जो बचा सकती है कई जानें  

भारत की पहली असिस्टेड रियलिटी एम्बुलेंस 11 अप्रैल को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में लॉन्च हो गयी है।

भारत की पहली असिस्टेड रियलिटी एम्बुलेंस 11 अप्रैल को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में लॉन्च हो गयी है।

एक एंबुलेंस और उसमें मौजूद सुविधायें कई क़ीमती ज़िंदगियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी अहम पहलू को ध्यान में रखते हुए भारत की पहली असिस्टेड रियलिटी एंबुलेंस 11 अप्रैल को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में लॉन्च हो गयी है।

यह एआर एंबुलेंस डॉक्टरों और विशेषज्ञों को न केवल वाहन में रोगी को देखने में सक्षम बनायेगी, बल्कि दूर से चल रहे व्यक्ति के साथ आने वाले चिकित्सा कर्मचारियों को निर्देश और सलाह भी देगी। एपोथेकरी मेडिकल सर्विसेज द्वारा विकसित कोच्चि के अलुवा क्षेत्र में स्थित एक स्टार्ट-अप-एआर एम्बुलेंस को सांसद शशि थरूर के हाथों लॉन्च किया गया। इस एंबुलेंस की एक और अनूठी विशेषता यह भी है कि यह राज्य की पहली 5जी-सक्षम एम्बुलेंस है।

इस एम्बुलेंस में शामिल सुविधाओं में टेलीमेडिसिन सॉफ़्टवेयर है, जो आपात स्थिति के दौरान विशेषज्ञों से परामर्श की अनुमति देगा। इसके अलावा, अस्पताल या अन्य जगहों पर बैठे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ स्मार्ट आईवियर का उपयोग कर रोगी का उपचार कर सकते हैं। यह स्क्रीन पर आईवियर से जुड़े कैमरे के माध्यम से इमेज को देखने में सक्षम होगा,जो डॉक्टरों को रोगी की नवीनतम स्वास्थ्य स्थिति प्रदान करेगा।

इस प्रकार, ये सॉफ़्टवेयर और प्रौद्योगिकी दोनों रोगी के चलते रहने पर भी डेटा ट्रांसफ़र में मदद करेंगे।

इस एम्बुलेंस के अन्य मुख्य आकर्षण एक अतिरिक्त-कॉरपोरल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन सुविधा का समावेश है, जो कि उन लोगों को लंबे समय तक हृदय और श्वसन सहायता प्रदान करता है, जिनके हृदय और फेफड़े ऐसा कर पाने में असमर्थ होते हैं।

इसके अलावा, इसमें एक इंट्रा-ऑर्टिक बैलून पंप होगा, जो हृदय को रक्त पंप करने में मदद करता है, जब अंग ऐसा कर पाने में असमर्थ हो जाता है।

इस एंबुलेंस ने 50 मरीजों के साथ 30 दिन का ट्रायल रन पूरा कर लिया है।

संभव अत्याधुनिक तकनीक के साथ इस एम्बुलेंस के पीछे का दिमाग़ डॉ नदीम का है,जो रोगियों की पीड़ा को कम करने और इलाज में देरी के कारण परिवहन के दौरान हताहत होने से बचाने के उद्देश्य से प्रेरित थे। इस तरह की कई घटनाओं को देख चुके डॉक्टर ने इस एंबुलेंस को बनाने में दो साल तक कड़ी मेहनत की।

जहां शुरुआत में इस सॉफ़्टवेयर के विकास के कारण एम्बुलेंस की लागत 2.5 करोड़ रुपये होगी, वहीं बाद में इसकी लागत कम हो जायेगी।

स्टार्ट-अप एस्टर मेडिसिटी के साथ मिलकर यह एंबुलेंस लॉन्च कर रहा है।