तीन साल से ज्यादा वक्त होने को है, लेकिन कोरोना वायरस (corona virus) खत्म नहीं हो रहा है। जब भी लगा है कि ये महामारी चली जाएगी तभी कोविड फिर से बढ़ने लगता है। अब ऐसा ही हो रहा है करीब आठ महीने बाद देश में कोरोना के चार हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। कुलमिलकर यह कहना गलत नहीं होगा देशभर में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। जिस तरह से दूसरी लहर में रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए थे उसी तरह धीरे-धीरे एक बार फिर से देश में मामले आने शुरू हो गए हैं। इस बीच एक्टिव मरीजों की संख्या 23 हजार से ज्यादा हो गई है। चिंता की बात यह है कि अब हर दिन दैनिक मामलों में इजाफा हो रहा है। पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ रहा है।
खासतौर पर दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल में वायरस खतरनाक बनता जा रहा है। इन तीनों राज्यों में कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ रहा है। वहीं कुछ मरीजों में वायरस की वजह से निमोनिया (Pneumonia) की शिकायत भी देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो इलाज न होने पर जानलेवा बन सकता है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान भी अधिकतर मौतें निमोनिया के कारण ही हुई थी। अब फिर से कुछ मरीजों में ये परेशानी देखी जा रही है।
आ रही है बैक्टीरियल निमोनिया की शिकायत
एम्स में क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह बताते हैं कि कोविड के लक्षण हल्के ही हैं, लेकिन कुछ मरीजों में बैक्टीरियल निमोनिया की शिकायत देखी जा रही है। अब कोविड से हॉस्पिटलाइनजेशन थोड़ा बढ़ने लगा है। बुजुर्ग और दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। हालांकि ऑक्सीजन लेवल में कमी या लंग्स में इंफेक्शन के केस नहीं आ रहे हैं, लेकिन जिस हिसाब से कोविड बढ़ रहा है। उसको देखते हुए अब लोगों को सतर्क होना चाहिए और कोविड को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
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क्या बढ़ सकता है डेथ रेट?
इस सवाल के जवाब में डॉ सिंह कहते हैं कि कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन भले ही बढ़ रहा है, लेकिन डेथ रेट में इजाफा होने की आशंका नहीं है। अभी तक कोविड मरीजों में ऑक्सीजन की कमी के केस नहीं है. ऐसे में डेथ रेट बढ़ने का खतरा नहीं है। परेशानी केवल उन लोगों को होगी, जो पहले से ही कैंसर, एचआईवी, टीबी या फिर लिवर व किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि केस भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन इनमें ऐसा उछाल नहीं है जो चिंता का कारण बने। फिलहाल नए ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट की वजह से केस बढ़ रहे हैं। ये वेरिएंट कमजोर इम्यूनिटी वालों को संक्रमित कर रहा है। फिलहाल कुछ समय तक थोड़े केस बढ़ेंगे और जल्द ही पीक आ जाएगा।
कैसे करें बचाव ?
डॉ जुगल किशोर के मुताबिक, सभी लोगों को मास्क का प्रयोग फिर से शुरू करना होगा। मास्क से वायरस से बचाव होगा। खातसौर पर अपने ऑफिस या फिर बाहर जाते समय इसको जरूर लगाएं। अगर आपको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी की समस्या है तो मास्क ही बचाव है। इसके अलावा बुजुर्गों को भी इसका यूज जरूर करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय वायरस का प्रसार बढ़ रहा है।