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ओमीक्रान पर कोरोना वैक्सीन कारगर है नहीं, देखें क्या बोले कोवीशील्ड बनाने वाले अदार पूनावाला

ओमिक्रॉन पर कितना असर करती है Covishield वैक्सीन

कोरोना वायरल का नया वेरिएंट का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से निकला ये वायरस अब तक 12 देशों में पाया जा चुका है जिसके बाद इस नए वेरिएंट से दुनिय में दहशत फैली हुई है। दक्षिण अफ्रीका सहित जिन 12 देशों में कोरोना वायरस के नए मामले पाए गए उनमें अधिकांस  'ओमीक्रॉन' वेरिएंट' (Omicron Variant) से ही संक्रमित पाए गए। एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ये बताया गया है कि इन नए वेरिएंट पर कोविशील्ड वैक्सीन कितनी कारगर है।

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भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख आदार पूनावाला ने बताया है कि, अगर जरूरत पड़ी तो नए कोरोना वेरिएंट के लिए खासतौर पर बनी कोविशील्ड वैक्सीन बनाने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, अगले 2-3 हफ्तों में पता चल जाएगा कि कोविशील्ड वैक्सीन नए वेरिएंट के खिलाफ कितनी कारगर है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर और ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए बूस्टर डोज भी संभव है।

आदार पूनावाला एनडीटीवी से बतचीत करते हुए कहा कि, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी अभी रिसर्च कर रहे हैं, उनके शोध के आधार पर हम एक नई वैक्सीन बनाने पर विचार कर सकते हैं, जो बूस्टर डोज की तरह काम करेगी। रिसर्च के आधार पर ही हम वैक्सीन की तीसरी और चौथी खुराक देने के बारे में निर्णय पर पहुंच पाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से लड़ने के लिए खास वैक्सीन ही चाहिए, यह जरूरी नहीं। उनका कहना है कि, कंपनी के पास पहले ही पर्याप्त खुराकें है जो जरूरत पड़ने पर बूटस्ट डोज मुहैया कराई जाएगा और वो भी समान कीमत पर।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि, हमारे पास सैकड़ों लाखों खुराकें स्टॉक में पड़ी है। हमने भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 20 करोड़ डोज रिजर्व रखी हैं। अगर सरकार बूस्टर डोज का ऐलान करती है तो हमारे पास पर्याप्त संख्या में वैक्सीन है। हालांकि, फिलहाल प्रमुखता कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज न लेने वालों का टीकाकरण पूरा करना होना चाहिए।