इन दिनों डेंगू (Dengue) काफी तेजी से फैल रहा है और इसके केस काफी तेजी से बढ़ रहे है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को ये बीमारी हो रही है। डेंगू अधिकतर लोगों में खुद ही तीन से चार दिनों में ठीक हो जाता है, मगर कुछ मामलों में ये मौत का कारण भी बन सकता है। देश में हर साल डेंगू से मौतें होती भी हैं, लेकिन वो क्या वजह है कि ये बीमारी जान ले लेती है और डेंगू के ऐसे क्या लक्षण हैं, जो जानलेवा होते हैं। वहीं डॉक्टर्स का कहना है डेंगू माइल्ड और खतरनाक दोनों प्रकार का होता है। मच्छर के काटने के तीन से चार दिन बाद इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं।
बताते चले, अगर सिर्फ बुखार है तो डेंगू खतरनाक नहीं है, लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जिनको समय पर पहचान और इलाज कराना जरूरी है। समय पर ट्रीटमेंट न कराने से मौत तक हो सकती है। ऐसे में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएट हॉस्पिटल्स में डायरेक्टर डॉ. सुषाष गिरि बताते है कि डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ये बीमारी होने पर अचानक से तेज बुखार आता है।अगर तेज बुखार के साथ उल्टी-मतली आ रही है और मांसपेशियों में भी दर्द हो रहा है तो इस स्थिति में तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। ये संकेत हैं कि शरीर में प्लेटलेट्स का लेवल अचानक से गिर रहा है। बुखार आने के दो से तीन दिन के बाद शरीर में डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं। अगर केवल बुखार ही है तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर ये सब लक्षण भी दिख रहे हैं तो इनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बीपी का अचानक कम होना
डॉ. सुभाष बताते हैं कि डेंगू से पीड़ित कुछ मरीजों को जोड़ों में दर्द हो जाता है और स्किन पर दाने निकलते हैं। अचानक बीपी कम होने लगता है, जिससे बेहोशी आ सकती है। मरीज को शॉक लगता है ये शॉक सिंड्रोम और हेमरेजिक फीवर के लक्षण हो सकते हैं। इस वजह से इंटरनल ब्लीडिंग भी हो सकती है। कुछ मामलों में मल्टी ऑर्गन फेल्यिर तक हो जाता है जो मौत का कारण बन सकता है, जिन लोगों को पहले डेंगू हो चुका है उनको इसके दोबारा होने का रिस्क ज्यादा होता है। इन लोगों में गंभीर लक्षण भी आ सकते हैं। प्लेटलेट्स (platelets) का लेवल अचानक गिरने लगता है,अगर ये 20 हजार से कम हो जाता है तो जान का खतरा रहता है।
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डी-2 स्ट्रेन सबसे खतरनाक
वहीं डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि डेंगू का डी-2 स्ट्रेन सबसे खतरनाक होता है। इस स्ट्रेन की वजह से ही डेंगू शॉक सिंड्रोम होता है, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है उनको इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। डेंगू से जो मौतें होती हैं उनका बड़ा कारण शॉक सिंड्रोम और हेमरेजिक फीवर होता है। मरीज के शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग हो जाती है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है।