दिल्ली-एनसीआर में तेजी से फैल रहे आई फ्लू (Eye Flu) को देखते हुए एम्स ने संक्रमण की वजह तलाशने के लिए जांच शुरू की दी है। एम्स में आई फ्लू के मरीजों के सैंपल की जांच शुरू कर दी है। अगले कुछ दिनों में यह पता चल सकेगा कि मरीजों में केवल वायरस का संक्रमण है या साथ में बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी है या फिर वायरस के स्ट्रेन में कोई बदलाव तो नहीं हुआ है। एम्स, सफदरजंग, सेंटर फॉर साइट जैसे बड़े अस्पतालों के अलावा कई अन्य अस्पतालों में भी आई फ्लू के मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम के अस्पतालों में आई इंफेक्शन, आंखों के लाल होने की समस्या वाले मरीजों की तादाद हर नए दिन के साथ बढ़ रही है। दिल्ली में बुराड़ी अस्पताल में तो हर दिन करीब 400 मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा सफदरजंग, आरएमएल और लोकनायक अस्पताल में भी आई फ्लू के मरीजों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है। गाजियाबाद के जिला संयुक्त अस्पताल में भी हर दिन 30 से ज्यादा मरीज आई इंफेक्शन के साथ आ रहे हैं।
नोएडा के सरकारी अस्पताल में भी लगभग यही स्थिति है। डॉक्टरों का कहना है कि आई फ्लू भी एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। मानसून के दौरान ये बीमारी तेजी से बढ़ती है, लेकिन इस बार काफी ज्यादा केस आ रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसका शिकार हो रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से आने वाले दिनों में केस और भी तेजी से बढ़ने की आशंका है।
आई सेवन हॉस्पिटल के चीफ डॉक्टर संजय चौधरी ने बताया कि रोजाना ओपीडी में काफी नए मामले आ रहे हैं। अस्पताल में 15 से 20 मरीज आ रहे हैं और इसमें हर उम्र के लोग शामिल हैं। अभी जिस परिवार में किसी को आई फ्लू हो रहा है तो पूरा परिवार इससे संक्रमित हो जाता है। एक साथ सभी को संक्रमण होने की वजह से घर का रूटिन काम प्रभावित हो रहा है। लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं। औसतन एक हफ्ते से लेकर 10 दिन का समय ठीक होने में लग रहा है।
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