Dengue Fever: दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में डेंगू के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।यही नहीं दिल्ली में तो डेंगू के मामले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसके बाद अब सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां वायरल संक्रमण से निपटने की तैयारी में जुटी हुई हैं। इसी बीच एक लेटेस्ट अध्ययन में पाया गया है कि डेंगू का वायरल गर्म तापमान में और भी ज्यादा घातक हो जाता है। राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में पता लगा कि डेंगू तब और अधिक गंभीर हो जाता है जब इसका वायरस (DENV) अधिक तापमान के संपर्क में आता है। यह अध्ययन द फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सोसाइटीज ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
चूहे में किए शोध से हुआ खुलासा
गर्म तापमान के कारण मच्छरों के अंदर वायरस तेजी से बढ़ता है, इसलिए वे इसे मनुष्यों में अधिक तेजी से फैला सकते हैं। इसका कारण वायरस की कम ऊष्मायन अवधि है। चूहों में इसका शोध किया गया है, अधिक तापमान कि वजह से वायरस के मजबूत संस्करण ने चूहों के खून में वायरल लोड को बहुत अधिक बढ़ा दिया, जिससे दिल, लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इतनी ही नहीं, कभी-कभी पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है।
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डेंगू दोबारा हो जाए तो क्या होगा?
कई लोगों को डेंगू दूसरी बार भी होता है। डेंगू वायरस को चार कैटेगरी में बांटा गया- डेन – 1, डेन 2, डेन 3 और डेन 4। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो आमतौर पर केवल एक प्रकार का वायरस शामिल होता है। अगर किसी को दूसरी बार डेंगू हो जाता है, तो यह अधिक खतरनाक हो सकता है। यह डेंगू वायरस सीरोटाइप क्रॉस-रिएक्टिविटी का परिणाम है।