कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन भारत में दस्तक दे चुका है। अब तक ओमीक्रोन के 21 मामले सामने आ चुके है। लोगों के बीच ओमीक्रोन ने एक खौफ का माहौल बना दिया है। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो ओमीक्रॉन से घबराने की जरुरत नहीं है, क्योंकि इससे दुनिया में किसी भी हिस्से से मौत होने की खबर सामने नहीं आई है। इससे सतर्क रहने की जरुरत है। वहीं बच्चों को संक्रमित करने के सवाल पर एक्सपर्ट ने कहा कि ओमिक्रॉन भारत में बच्चों को उतना संक्रमित नहीं करेगा।
यह भी पढ़ें- जब सरेआम फट गई इलियाना डिक्रूज की ड्रेस, इस तरह छिपाती दिखी अपना जिस्म
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन ने 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी संक्रमित किया है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में बच्चों को यह उस तरह से प्रभावित नहीं करेगा। दुनियाभर से आ रही रिपोर्ट्स यही बताती हैं कि ओमीक्रोन से बहुत गंभीर बीमारी नहीं होती। लोगों के इम्युन सिस्टम, उनकी खानपान की आदतों, संक्रमण के पुराने मामलों में शरीर की ताकत को समझना होगा, इसकी किसी भी वायरस की कार्यप्रणाली तय करने में अहम भूमिका है। संक्रामक बीमारियों को लेकर भारतीयों के अनुभव दूसरे देशों से जुदा हैं।'
यह भी पढ़ें- इस्लाम छोड़ हिंदू बने वसीम रिजवी, जानें कैसे बदला जाता है धर्म और क्या है इस पर कानून
ओमीक्रोन पर भारत समेत पूरी दुनिया में बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका से अच्छी खबर आई है। शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 का 'ओमीक्रोन' स्वरूप, इसके अन्य वेरिएंट 'डेल्टा' और 'बीटा' के मुकाबले कहीं अधिक संक्रामक हो सकता है। यही नहीं इससे पुन: संक्रमण का जोखिम भी अधिक हो सकता है। डेल्टा के कारण अमेरिकी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओमीक्रोन की गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले वैज्ञानिकों को और सूचना एकत्रित करने की आवश्यकता है।