Hindi News

indianarrative

कभी-कभी और थोड़ी-थोड़ी शराब पीना नहीं है किसी जहर पीने से कम, इसका थोड़ी मात्रा में सेवन हो सकता है मौत को बुलावा देना?

कभी-कभी शराब पीना हानिकारक

कई सारे ऐसे लोग हैं जो काफी कम मात्रा में और कभी-कभी शराब का सेवन करना पसंद करते हैं। दरअसल, इन लोग की ऐसी सोच होती है कि थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करने से शराब से जुड़ी बीमारियां उन्हें छू नहीं सकेंगी, लेकिन ये सिर्फ और सिर्फ एक बहुत बड़ी गलतफेमी है इसके अलावा और कुछ भी नहीं है। जी हां, बिलकुल सही सुना आपने हाल ही में अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ टेक्सास ने एक शोध किया है। इसके मुताबिक, जो लोग कभी-कभी और कम मात्रा में शराब पीते हैं, उन्हें भी इससे जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। शोध में हैरान कर देने वाली बात यह सामने आई कि कम मात्रा में शराब पीने वालों को ज्यादा शराब पीने वालों से भी अधिक नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है।

यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल आफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। यूटी आस्टिन मनोविज्ञान के प्रोफेसर चाल्र्स होलाहन (पीएचडी) और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी वयस्कों के नमूनों का विश्लेषण किया है। उन्होंने पाया कि अनियंत्रित रूप से शराब पीने वाले लोगों के मुकाबले मध्यम मात्रा में पीने वाले लोगों में शराब से जुड़ी कई बीमारियों होने की आशंका लगभग पांच गुना अधिक थी। वहीं, नौ साल बाद उनमें अधिक शराब की समस्याएं करीब दो गुनी हो गईं। जो पुरुष दिन में दो ड्रिंक और महिला एक ड्रिंक लेती है, उन्हें (मार्डरेट यानी मध्यम मात्रा में शराब पीने वाला माना गया है। वहीं, वे लोग जो पांच या उससे ज्यादा ड्रिंक एक दिन में पीते हैं, उन्हें (बिंग) अनियंत्रित रूप से पीने वाला माना जाता है।

ये भी पढ़े: Weight Loss Tips: वजन घटाने के लिए Green Tea को रिप्लेस कर रही है नेटल टी, जाने कैसे दिखाती है कमाल

किशोरों में बढ़ रहा चलन

 शोध में कहा गया कि बिंग ड्रिंकिंग का चलन किशोरों में काफी बढ़ रहा है। हालांकि, इस तरह से पीने वाले ज्यादातर लोग 30साल से ऊपर वाले हैं और इन वयस्कों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच, वयस्कों में शराब की खपत और इसके प्रभावों पर शोध सिर्फ एक व्यक्ति के औसत स्तर पर पीने पर केंद्रित होता है। नतीजतन, कम और मध्यम वयस्क शराब पीने वालों और अत्याधिक शराब पीने वालों के बीच के प्रभाव का अच्छी तरह से अध्ययन नहीं हो पाया है। अध्ययन के सह-लेखकों में से एक और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन में मनोचिकित्सा और व्यवहार विज्ञान के प्रोफेसर रुडोल्फ मूस के मुताबिक, मध्यम पीने वालों की वैज्ञानिक और मीडिया चर्चाओं में अनदेखी की गई है। आमतौर पर लोग मान लेते हैं कि कभी-कभी पीना उनके लिए सुरक्षित है।

ऐसे किया शोध

शोधकर्ताओं ने पीने के पैटर्न को बेहतर तरीके से समझने के लिए एक सर्वे किया। इसके तहत, शराब पीने वाले 30 और उससे ज्यादा की उम्र के 1,229 लोगों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के अध्ययन में मिडलाइफ डेवलपमेंट की दो तरंगों से लिए गए डाटा ने शोधकर्ताओं को देखने की मंजूरी दी कि पिछले नौ सालों में इन लोगों का पीने का पैटर्न कैसा रहा। इस शोध के परिणाम ने शोधकर्ताओं को हैरान कर दिया। इसके तहत, उन लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी गईं, जो रोजाना औसत शराब पीने वाले थे। यानी कि जो लोग शराब का रोजाना कम सेवन करते हैं, उनमें उन लोगों के मुकाबले शराब से जुड़ी बीमारियां ज्यादा होने का खतरा है, जो एक बार में अत्याधिक खराब का सेवन करते हैं।