Hindi News

indianarrative

यह टेस्ट बनेगा Cervical Cancer के खात्मे में मील का पत्थर, स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

एक नई मेडिकल स्टडी से पता चला है कि 65 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को कम करने के लिए एचपीवी परीक्षण (HPV test) से बहुत अधिक लाभ हो सकता है। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके बावजूद इंग्लैंड में एनएचएस सर्वाइकल स्क्रीनिंग प्रोग्राम नियमित रूप से 65 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को स्क्रीनिंग की पेशकश नहीं करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक ‘कैच-अप’ प्रोग्राम होना चाहिए, जिसमें बुजुर्ग महिलाओं को ह्यूमन पैपिलोमावायरस के उच्च जोखिम वाले रूपों के टेस्ट के लिए बुलाया जाना चाहिए। जिससे महिलाओं में सर्वाइकल के कैंसर का खतरा बढ़ता है।

डेनमार्क में की गई एक नई स्टडी में ऐसे कैच-अप एचपीवी टेस्ट के लिए पेशकश हासिल करने वाली 11,000 से अधिक महिलाओं की तुलना लगभग 33,400 महिलाओं से की गई, जिन्हें टेस्ट के लिए नहीं बुलाया गया था। एचपीवी टेस्ट के लिए बुलाई गई महिलाओं की अधिक बारीकी से जांच की गई कि क्या उनमें उच्च जोखिम वाला एचपीवी है। उनमें से हर 1,000 में से लगभग चार महिलाओं में प्री-सर्वाइकल कैंसर के घाव पाए गए, जिनका इलाज न किए जाने पर वे सर्वाइकल कैंसर बन सकते हैं। इन घावों की दर एचपीवी परीक्षण के लिए नहीं बुलाई गई बुजुर्ग महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक थी। जिनमें से औसतन हर 1,000 में से केवल 0.3 महिलाओं में घाव पाए गए थे।

यह भी पढ़ें: क्यों बढ़ रही है महिलाओं में Breast Cancer की दर? जानिए क्या है इसके लक्षण?

एचपीवी टेस्ट के लिए बुलाई गई महिलाओं में सर्वाइकल के कैंसर की कम दर भी सामने आ सकती है। मगर यह देखने के लिए लंबे समय तक निगरानी रखने की जरूरत होगी। मगर डेनमार्क के रैंडर्स रीजनल हॉस्पिटल की स्टडी का नेतृत्व करने वाले डॉ. मेटे ट्रैनबर्ग ने कहा कि ‘एक कैच-अप एचपीवी स्क्रीनिंग टेस्ट संभावित रूप से 65 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में सुधार कर सकता है। खासकर उन महिलाओं की तुलना में जिन्होंने कभी एचपीवी टेस्ट नहीं कराया है।