कोरोना वायरस से दुनिया अभी तक उभरी भी नही थी कि एक और वायरस ने उसे अपनी चपेट में ले लिया है। इस वायरस का नाम है मंकीपॉक्स है। जी हां, आलम यह है कि मंकीपॉक्स ने दुनिया को एक नई चिंता में डाल दिया जिसको लेकर अब विज्ञानिक भी इसे लेकर परेशान हैं। हालांकि इसके फैलने रफ्तार अभी काफी कम है लेकिन इसको लेकर दुनिया भर के देश परेशान हैं। 29देशों में संक्रमण के मामले 1000से ज्यादा हो गए हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को चेतावनी दी कि अब मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है क्योंकि यह उन देशों में भी फैल रहा है क्योंकि जहां अब तक यह मौजूद नहीं था। इन देशों में मंकीपॉक्स के केस अब एक हजार से अधिक हो चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी वायरस के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की सलाह नहीं देती है।
बताया जा रहा है कि अभी तक वायरस से किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। एक प्रेस कान्फ्रेंस में अदनोम ने कहा, 'उन देशों में मंकीपॉक्स का खतरा अब वास्तविक है जहां अभी तक यह महामारी के रूप में मौजूद नहीं था।' मंकीपॉक्स नौ अफ्रीकी देशों में इंसानों के बीच महामारी (Endemic) के रूप में मौजूद है लेकिन पिछने महीनों में यह प्रकोप कई देशों में फैल गया है जिसमें ज्यादातर यूरोप और प्रमुख तौर पर ब्रिटेन, स्पेन और पुर्तगाल शामिल हैं।
हवा से जरिए भी फैल सकता है मंकीपॉक्स?
अमेरिका में अब तक 30 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है जिसके बाद अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने अपने चेतावनी स्तर में बदलाव किया है। इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि मंकीपॉक्स हवा के जरिए भी फैल सकता है। उन्होंने इसके लिए नाइजीरिया का उदाहरण दिया। 2017 में नाइजीरिया की एक जेल में मंकीपॉक्स संक्रमण फैल गया था। कैदियों के अलावा बीमारी ने स्वास्थ्यकर्मियों को भी अपनी चपेट में ले लिया था। ऐसे लोग भी संक्रमित हो गए थे जो मरीजों के संपर्क में नहीं आए थे। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मंकीपॉक्स हवा के माध्यम से भी फैल सकता है।