अतीत शर्मा
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश में चीन की दहलीज़ पर बीजिंग को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जब तक भारतीय सेना सीमा पर पहरा दे रही है, तब तक कोई भी देश की एक इंच ज़मीन नहीं ले सकता।
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित किबिथू गांव में शाह ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत करते हुए कहा, “आज हम गर्व के साथ कहते हैं कि वे दिन गये, जब कोई भी भारत की भूमि पर अतिक्रमण कर सकता था। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि कोई भी हमारी ज़मीन की एक नोक का भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है, क्योंकि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और भारतीय सेना हमारी सीमाओं पर मौजूद हैं।”
सभी जवानों के बलिदान को सलाम करते हुए शाह ने इस बात पर बल दिया कि कोई भी भारत पर “बुरी नज़र” नहीं डाल सकता, क्योंकि हमारे सैनिक सीमाओं पर दिन-रात काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘1962 में जो भी यहां की ज़मीन पर कब्ज़ा करने आया था, उसे आपकी देशभक्ति के कारण वापस लौटना पड़ा।’
Speaking at the launch of ‘Vibrant Villages Programme’ from Kibithoo, the border village of Arunachal Pradesh and India’s easternmost place. #VibrantVillagesProgram https://t.co/MRbQxWzMkW
— Amit Shah (@AmitShah) April 10, 2023
यह कार्यक्रम एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 ज़िलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों को चिह्नित किया गया है। पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश के 455 सहित 662 गांवों को प्राथमिकता दी जायेगी।
अमित शाह का यह संदेश अत्यधिक महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि विश्लेषक इसे चीन के अरुणाचल के उन कुछ गांवों के नाम बदलने को लेकर हुए आक्रमण के एवज़ में भारत के जवाबी हमले के रूप में देखते हैं, जिसे बीजिंग दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है। इस महीने की शुरुआत में चीन ने सीमावर्ती राज्य में भारत की संप्रभुता को खारिज करते हुए अरुणाचल के 11 जगहों का नाम बदलकर अपना होने का दावा किया था।
2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले नौ वर्षों में पीएम मोदी की ‘लुक ईस्ट’ नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जो देश के विकास में योगदान देता है।
गृहमंत्री ने कहा,“किबिथू भारत का पहला गांव है, न कि आखिरी गांव। पहले जब लोग यहां आते थे, तो कहते थे कि मैं देश के आख़िरी गांव में गया हूं, लेकिन आज मैं कहूंगा कि मैं भारत के पहले गांव में गया।”
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah arrived in Dibrugarh, Assam, today. He was received by CM Himanta Biswa Sarma.
HM Shah will will launch ‘Vibrant Villages Programme’ in Kibithoo today, a border village in Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/5fRtUq1uye
— ANI (@ANI) April 10, 2023
वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए विशेष रूप से सड़क संपर्क के लिए 2,500 करोड़ रुपये सहित 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय घटक वीवीपी के लिए आवंटित किए गए हैं, जो मुख्य रूप से सड़क निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
ज़िला प्रशासन ब्लॉक और पंचायत स्तर पर उपयुक्त तंत्र की मदद से चिन्हित गांवों के लिए कार्य योजना तैयार करेगा, ताकि केंद्रीय और राज्य योजनाओं की 100% कार्य संपन्नता को सुनिश्चित किया जा सके। गांवों के विकास के लिए चिह्नित किये गये हस्तक्षेप के फोकस क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा और कल्याण केंद्र शामिल हैं।
शाह किबिथू में ‘स्वर्ण जयंती सीमा रोशनी कार्यक्रम’ के तहत निर्मित अरुणाचल प्रदेश सरकार की नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। ये बिजली परियोजनायें सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनायेंगी।
बाद में वह लिकाबाली (अरुणाचल प्रदेश), छपरा (बिहार), नूरानद (केरल), और विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
मंगलवार को गृहमंत्री नमती मैदान जायेंगे और वालोंग युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।