जम्मू कश्मीर में दो साल से ज्यादा समय से विधानसभा भंग है। आर्टिकल 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा है, लेकिन अभी वहां परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। राजनीतिक दलों ने केंद्र शासित प्रदेश में चुनावी प्रचाक करना शुरू कर दिया हैं।
एक तरफ कश्मीर स्थित नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पीर पांचाल, चिनाब और जम्मू के अन्य क्षेत्रों में कई जनसभाएं आयोजित की हैं। तो वहीं कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद एक महीने से अधिक समय से स्वतंत्र रूप से रैलियां कर रहे हैं। इसके अलावा, बीजेपी ने घाटी पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां उसके नेताओं ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपोरा क्षेत्रों में कई जनसभाएं की हैं। राजनीतिक दल चुनाव का जिक्र किए बिना मतदाताओं को अपनी और आकर्षित कर रहे है। इस साल की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद होंगे और बाद में राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
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आपको बता दें कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा अगले साल मार्च है। ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि चुनाव उस समय के आसपास और जून में शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले होंगे। ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस के नेताओं समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और अन्य छोटे समूहों ने बैठकों और रैलियों के माध्यम से जनता के साथ सार्वजनिक संपर्क शुरू कर दिया है।