Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित ‘‘सदैव अटैल” जाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि पर उन्हें बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी ‘भारत रत्न’ वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की।
President Droupadi Murmu paid homage to former Prime Minister of India, Shri Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary, at his Samadhi, ‘Sadaiv Atal’ in New Delhi. pic.twitter.com/KUXBWKtZWd
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 16, 2023
इस अवसर पर प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया. ‘‘सदैव अटल” वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का स्मारक है। वर्ष 2018 में आज ही के दिन दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने में भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मैं भी शामिल हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और इसे विभिन्न क्षेत्रों में 21 वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘
I join the 140 crore people of India in paying homage to the remarkable Atal Ji on his Punya Tithi. India benefitted greatly from his leadership. He played a pivotal role in boosting our nation’s progress and in taking it to the 21st century in a wide range of sectors.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2023
अटल बिहारी वाजपेई के बारे में
1924 में ग्वालियर में जन्मे, वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) दशकों तक भाजपा का चेहरा थे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री थे जिन्होंने कार्यालय में पूरा कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी ने 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधान मंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
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भाजपा के पहले प्रधान मंत्री, वाजपेयी को पार्टी को उसके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया। 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया।