बिहार पंचायत चुनाव में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे लेकर हर किसी के होश उड़ गए हैं। किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वो एक तरफ वोट करेंगे और दूसरी ओर उनके बैंक खाते से उनका जमा-पूंजी गायब हो जाएगी। यह मामला बिहार के मुंगेर का है, जब वरिष्ठ अधिकारी को इस बार में बता चला कि, सोमवार को पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले कुछ मतदाताओं ने अपने बैंक खाते को लेकर हंगामा शुरू कर दिया तो हैरान रहा गए कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है। शिकायत थी कि चड़ौन गांव में वोटिंग केय बायोमेट्रिक के लिए अंगूठे का निशान देने और आधार नंबर जमा करने के बाद उनके बांक खातों से पैसे निकाले गएय़।
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इस शिकायत के मिलने के बाद जिले की सदर एसडीओ खुशबु गुप्ता पुलिस बल के साथ मतदान केंद्र पर पहुंची और बायोमेट्रिक सिस्टम संचालक को हिरातस में ले लिया। पता चला कि ये सारा कांड उसी का किया-धरा था। एसडीओ के मुताबिक उन्हें कम से कम सात वोटरों से ये शिकायत मिली कि उनके बैंक खातों से वोटिंग के बाद पैसे निकाले जाने के मैसेज आए। इसके बाद ये सभी वोटर सन्न रह गए। आरोपी मतजान कर्मचारी रवि कुमार सिंह से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से मतदाताओं के बैंक खातों से पैसे निकाले हैं। वो जिले में एक बैंक की सीएसपी का भी संचालक है।
आरोपी ने बताया कि वो अपना साथ निर्वाचन विभग की टैब और अंगूठे का निशान वाली बायोमेट्रिक के साथ अपनी मशीन भी ले गया था। वो वोटरों से पहले आयोग वाली मशीन पर अंगूठे का निशान ले रहा था और फिर बाद में बहाने से अपनी मशीन पर भी। इसके बाद वो मोबाइल एप के सहारे इन वोटरों का अकाउंट खाली कर रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि अलग-अलग मतदाताओं के बैंक खातों से 36 हजार रुपये निकाले गए।